खाद्य पदार्थों में थूक के बाद एफडीए ने जारी की एसओपी, दोषियों पर 25 हजार से एक लाख तक का जुर्माना
- अनिवार्य रूप से पहनाना होगा फोटोयुक्त पहचान पत्र, लगाने होंगे सीसीटीवी कैमरे : डॉ. आर. राजेश कुमार
-संचालकों को अपने यहां लिखना होगा मीट हलाल या फिट झटका
देहरादून, 16 अक्टूबर (हि.स.)। उत्तराखंड में खाद्य पदार्थाें में थूक और गंदगी मिलाने की घटनाओं पर मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ने कड़ा रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने विस्तृत एसओपी जारी कर दी है जिसमें दोषियों पर कड़ी कार्रवाई के साथ 25 हजार से लेकर एक लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में इस तरह की घटनाओं को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री की ओर से दोषी व्यक्तियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। ऐसे मामलों की सघन जांच हो और दोषियों को सजा मिले।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि त्योहारों का सीजन आ रहा है जिसमें सुरक्षा और शुद्धता उनकी सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा त्योहारों के दौरान किसी भी प्रकार की अशुद्धता या असामाजिक गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
स्वास्थ्य सचिव व खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के आयुक्त डॉ.आर. राजेश कुमार ने कहा कि हाल के दिनों में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में जूस और अन्य खानपान की वस्तुओं में मानव अपशिष्ट और अन्य गन्दी चीजों की मिलावट के प्रकरण प्रकाश में आए हैं। यह खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि सभी खाद्य कारोबारियों को लाइसेंस लेना एवं उसकी शर्तों का पालन करना अनिवार्य है। इसके साथ ही खाद्य पदार्थों में स्वच्छता और सफाई सम्बंधी अपेक्षाएं का अनुपालन करना भी अनिवार्य है।
एसओपी:
-राज्य में स्वच्छता और सफाई की अनिवार्यता के दृष्टिगत खाद्य कारोबारकर्ताओं की ओर से भोजन बनाने और परोसने वाले कार्मिकों को अनिवार्य रूप से फेस मास्क,ग्लब्स,हेड गियर का उपयोग करना होगा।
-धूम्रपान, थूकना आदि व डेयरी (दुग्ध एवं दुग्ध पदार्थ) उत्पादों को प्रयोग में लाये जाने से पूर्व व छूने से पूर्व नाक खुजाना, बालों में हाथ फेरना, शरीर के अंगों को खुजाना आदि हैण्ड हैबिट पर नियंत्रण रखें।
-संक्रामक रोग से ग्रसित व्यक्तियों को खाद्य निर्माण,संग्रहण,वितरण स्थलों पर कदापि नियोजित न करें। अपने समस्त खाद्य कार्मिकों की सूची उनके चिकित्सकीय प्रमाण-पत्रों के साथ कार्यस्थल और प्रतिष्ठान में सदैव रक्षित करना अनिवार्य होगा।
-सभी खाद्य कारोबारकर्ताओं की ओर से खाद्य प्रतिष्ठान में कार्यरत कार्मिकों को अनिवार्यरूप से फोटोयुक्त पहचान पत्र लगाना अनिवार्य होगा।
-विक्रय करने वाले कार्मिकों को कार्यस्थल पर थूकने और अन्य किसी भी प्रकार की गन्दगी फैलाने को प्रतिबन्धित किया जाता है। उल्लंघन पर 25 हजार से से 01 लाख तक अर्थदण्ड से दण्डित किया जाएगा।
- खाद्य सामग्री को मल,मूत्र,थूक अथवा किसी अन्य दूषित पदार्थ से प्रभावित युक्त नहीं किया जाएगा। खाद्य सुरक्षा और मानक (खाद्य कारोबार के लिये अनुज्ञप्ति एवं पंजीकरण) विनियम 2011 का विनियम-2.1.2 (5) अनुसूची, 3।
-प्रत्येक खाद्य कारोबारकर्ता प्रारूप-ग में जारी अनुज्ञप्ति की एक साफ, प्रमुख स्थान पर पठनीय प्रति चस्पा करेगा।
-प्रत्येक अनुज्ञप्ति धारी यह सुनिष्चित करेगा कि विनिर्दिष्ट उत्पादन से भिन्न अन्य किसी उत्पाद का उत्पादन नहीं किया जाएगा।
-प्रत्येक खाद्य कारोबारकर्ता उत्पादन, कच्ची सामग्री का उपयोग और विक्रय का अलग-अलग दैनिक रिकॉर्ड रखेगा।
अन्य दिशा-निर्देश-
-अनुज्ञप्ति एवं पंजीकरण प्राप्त किये बिना कारोबार कर रहे खाद्य कारोबारकर्ताओं के विरूद्ध कार्यवाही कर उन्हें तत्काल अनुज्ञप्ति एवं पंजीकरण से आच्छादित किया जाए। (एफएसएसएक्ट, 2006 की धारा-58 एवं 63)।
-समस्त खाद्य प्रतिष्ठानों यथा ढाबों, होटलों, रेस्टोरेंट्स आदि में सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था की जाए।
-राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के पत्र के अनुपालन में प्रत्येक मीट विक्रेता, मीट कारोबारकर्ता, होटल एवं रेस्टोरैन्ट विक्रय/प्रस्तुत किये जा रहे मीट एवं मीट उत्पाद के प्रकार यथा हलाल अथवा झटका, का अनिवार्य रूप से लिखेंगे। अनुपालन न करने की स्थिति में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 एवं तत्सम्बन्धी विनियमों के सुसंगत प्राविधानों के अंतर्गत विधिक कार्यवाही की जाएगी।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार