मद्महेश्वर भगवान की डोली अपने पहले रात्रि प्रवास को राकेश्वरी मंदिर रांसी पहुंची

 




-मदमहेश्वर भगवान को केदारघाटी के लोग पूजते हैं न्याय के देवता के रूप में

रुद्रप्रयाग, 18 मई (हि.स.)। पंच केदारों में द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर की डोली शनिवार को शीतकालीन गददीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर से अपने पहले रात्रि प्रवास को लेकर राकेश्वरी मंदिर रांसी पहुंच गयी। रविवार को डोली गौंडार गांव पहुंचेगी। 20 मई को डोली सुबह के समय अपने धाम पहुंचेगी और इसी दिन कपाट आम भक्तों के दर्शनार्थ खोल दिये जाएंगे।

पंच केदारों में द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर के कपाट बीस मई को आम भक्तों के दर्शनार्थ खोल दिये जाएंगे। मद्महेश्वर धाम के कपाट खुलने के बाद देश-विदेश के भक्त पंच केदारों के दर्शनों का लाभ अर्जित कर सकते हैं।

शनिवार को शीतकालीन गददीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर से भगवान मदमहेश्वर की डोली का श्रृंगार किया गया। इसके बाद डोली अपने धाम के लिये रवाना हुई। डोली अपने पहले रात्रि प्रवास को लेकर राकेश्वरी मंदिर रांसी पहुंची, जहां से आज डोली गौंडार गांव पहुंचेगी। बीस मई को गौंडार गांव से डोली अपने धाम के लिये रवाना होगी। डोली के धाम पहुंचने पर इसी दिन द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर धाम के भी कपाट खोल दिये जाएंगे। पैदल डोली यात्रा में भारी संख्या में भक्त साथ चल रहे हैं। डोली का विभिन्न यात्रा पड़ावों पर भव्य स्वागत किया जा रहा है। भगवान मद्महेश्वर को न्याय के देवता के रूप में पूजा जाता है। मद्महेश्वर धाम में भगवान शिव के मध्य भाग की पूजा होती है। बद्री-केदार मंदिर समिति के वेदपाठी विश्वमोहन जमलोकी ने बताया कि 20 मई को आम भक्तों के लिये भगवान मदमहेश्वर के कपाट खोले जा रहे हैं। आज डोली रांसी और कल गौंडार गांव में रात्रि प्रवास करेगी।

हिन्दुस्थान समाचार/रोहित

/रामानुज