वनाग्नि की घटनाओं के लिए संबंधित क्षेत्र के अधिकारी की जिम्मेदारी तय हो : मुख्यमंत्री

 


-वनाग्नि की रोकथाम के लिए नोडल अधिकारी नामित किए जाएं

-घटना की सूचना मिलते ही तुरंत होनी चाहिए कार्रवाई, रिस्पॉन्स टाइम भी कम से कम हो

देहरादून, 20 अप्रैल (हि.स.)। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस क्षेत्र में भी वनाग्नि की घटनाएं घटित होती हैं, उसके लिये संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी तय हो। जानबूझ कर अगर कोई वनों में आग लगाने की घटना में लिप्त पाया जाता है,तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने प्रदेश में वनाग्नि की रोकथाम के लिए नोडल अधिकारी नामित करने के निर्देश दिए।

शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रभागीय वनाधिकारियों के साथ वनाग्नि की रोकथाम के संबंध में वर्चुअल बैठक की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने गर्मियों के चार महीने वनाग्नि की दृष्टि से हमारे लिये चुनौतीपूर्ण होते हैं। इन महीनों में अधिक से अधिक सतर्क रहते हुए पूरा प्रयास किया जाए कि वनाग्नि की घटनाएं न के बराबर हों। जैसे ही वनाग्नि घटना की सूचना मिलती है,उस पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए और जिसका रिस्पॉन्स टाइम कम से कम होना चाहिए।

मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को वनाग्नि की रोकथाम के सम्बन्ध में निर्देश दिये कि स्थानीय स्तर पर प्रभारी वनाधिकारी के स्तर पर नोडल अधिकारी नामित किया जाये। हेल्पलाइन नम्बर और टोल फ्री नंबर जारी करते हुए, उनका व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए लोगों में जागरूकता लाई जाए।

मुख्यमंत्री ने वनाग्नि की रोकथाम के लिए सभी सम्बंधित विभाग आपसी तालमेल स्थापित करना सुनिश्चित करने और इस कार्य में स्थानीय लोगों,जन-प्रतिनिधियों,ग्राम प्रधानों आदि का भी सहयोग लेने के िनिर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि जिस क्षेत्र में भी वनाग्नि की घटनाएं घटित होती हैं, उसके लिये संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। उन्होंने निर्देश दिये कि जानबूझ कर अगर कोई वनों में आग लगाने की घटना में लिप्त पाया जाता है,तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। बैठक में पिरुल का उपयोग किये जाने और आबादी क्षेत्रों में बंदरों के आवागमन को रोकने पर भी विस्तृत विचार-विमर्श हुआ।

बैठक में प्रमुख सचिव आर.के.सुधांशु ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से मुख्यमंत्री को बताया िक राज्य का कुल कितना क्षेत्र वनों से ढका है,कौन-कौन से वन क्षेत्र अति संवेदनशील व संवेदनशील हैं और आग लगने की घटनाओं की रोकथाम के लिये क्या-क्या उपाय किये जा रहे हैं आदि के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी।

इस अवसर पर प्रमुख वन संरक्षक डॉ.अनूप मालिक,प्रमुख वन संरक्षक (पंचायत) डॉ.धनंजय मोहन,विशेष सचिव डॉ.मधुकर धकाते सहित वर्चुअल रूप से सभी वनाधिकारी और संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/राजेश/रामानुज