सात वर्ष के बाद भी देवाल तहसील नहीं ले पाया स्वरूप

 


-वर्तमान में तहसील थराली से होते हैं सभी कार्य संचालित

गोपेश्वर, 09 जनवरी (हि.स.)। चमोली जिले के देवाल तहसील का शासनादेश जारी होने के सात साल बाद भी संचालित नहीं हो पाया है। क्षेत्र के सारे रिकॉर्ड और कार्य थराली तहसील से संचालित हो रहे हैं। जिसको लेकर क्षेत्र की जनता में भारी नाराजगी देखने को मिल रही है।

जनपद चमोली का सबसे दूरस्थ क्षेत्र देवाल की जनता लम्बे समय से तहसील की मांग करते आ रही थी। क्षेत्र की ज्वलंत समस्या को देखते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के शासनकाल में तीन जनवरी 2017 में देवाल तहसील का शासनादेश जारी किया है। उसके बाद प्रदेश में भाजपा की सरकार आ गई।

छह दिसम्बर 2019 को जनपद चमोली के तत्कालीन प्रभारी जिलाधिकारी हशा दत्त पांडे ने देवाल कानूनगो चौकी में तहसील का उद्घाटन किया। उसके बाद लोगों में आशा की किरण जगी थी। लेकिन अभी तक क्षेत्र के ग्रामीणों के सारे प्रशासनिक कार्य थराली तहसील से ही चल रहे हैं। शासनादेश के तहत देवाल, मुदोली नलधूरा, ग्वालदम, राजस्व क्षेत्र के 81 गांव को मिला कर तहसील की रचना बनाई गई है। वर्ष 2021 में देवाल तहसील में नायब तहसीलदार को नियुक्त की गई थी। कुछ समय बाद उनका भी यहां से स्थानांतरण कर दिया गया तब से यहां कोई नहीं आया है। हालत यह है कि वर्तमान में यहां पर एक भी कर्मचारी नहीं है।

क्या कहते हैं जनप्रतिनिधि -

ग्राम प्रधान पूर्णा मनोज कुमार ने बताया कि तहसील भवनों के लिए ग्राम पंचायत में 200 नाली जमीन देने का प्रस्ताव तहसील को दिया गया है। लेकिन मामला ठंडे बस्ते में है।

क्षेत्र प्रमुख डॉ. दर्शन दानू ने पिछले दिनों राजस्व परिषद के आयुक्त और सचिव को ज्ञापन दिया और देवाल तहसील में तहसीलदार पद सृजित करने की मांग की थी।

पूर्व प्रमुख उर्मिला बिष्ट ने कहा है कि सात वर्ष गुजर जाने के बाद भी देवाल तहसील संचालित नहीं हो पाया है, जबकि इसके साथ के अन्य तहसील अपने स्वरूप में आ गई है। अभी तक अधिकारियों कर्मचारियों को नियुक्त नहीं किया गया है। शासन प्रशासन क्षेत्र की उपेक्षा कर रहा है। लोगों को अपने काम करने में दिक्कत हो रहीं हैं।

देवाल तहसील के संबंध में मुख्यमंत्री से मिला हूं। तहसीलदार के पद सृजित के लिए वार्ता की है। तहसील संचालन की कारवाई गतिमान है।

-भूपाल राम टम्टा, विधायक थराली।

हिन्दुस्थान समाचार/जगदीश/रामानुज