मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारियों को बताई बारीकियां, उठाएंगे महत्वपूर्ण कदम
देहरादून, 25 सितंबर (हि.स.)। सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आइटीडीए) उत्तराखंड की ओर से नेशनल ई-गवर्नन्स डिवीजन एवं मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रानिक्स एण्ड इफॉर्मेशन टेक्नॉलजी भारत सरकार के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला का समापन बुधवार को किया गया। उत्तराखंड सरकार के विभिन्न विभागों के मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारियों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम के तहत बुधवार को साइबर सिक्योरिटी एण्ड ई-गवर्नन्स रिस्कस, साइबर सिक्योरिटी ऑडिट एवं इनफार्मेशन, सिक्योरिटी मैनेजमेंट सिस्टम स्टैन्डर्ड विषय पर तीन सत्रों का आयोजन किया गया।
मुख्य अतिथि उत्तराखंड शासन की अपर सचिव व सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी की निदेशक नितिका खंडेलवाल ने प्रतिभागियों से प्रशिक्षण का फीडबैक लिया और कहा कि आप सभी कार्यशाला के अनुभव का उपयोग करते हुए अपने-अपने विभागों में साइबर सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाएं तथा उसे और प्रभावी बनाएं। उन्होंने कहा कि कार्यशाला के सभी विषय विशेषज्ञों के व्याख्यान सभी विभागों के साथ शेयर किए जाएंगे, ताकि उन्हे भी साइबर सुरक्षा के लिए किए जाने वाले उपायों की जानकारी उपलब्ध हो सके। उन्होंने कार्यशाला के लिए नेशनल ई-गवर्नन्स डिविशन के अधिकारियों, सभी विषय विशेषज्ञों एवं प्रतिभागियों का धन्यवाद व्यक्त किया और प्रतिभागियों को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र प्रदान किया।
अंतिम दिन कार्यशाला के प्रथम सत्र में साइबर सिक्योरिटी एण्ड ई-गवर्नन्स रिस्कस विषय पर एचसीएल शैलेन्द्र गुप्ता ने प्रतिभागियों को डेटा ब्रीच, फिसिंग अटैक, मालवेर, रैन्समवेर, अनाधिकृत प्रवेश एवं डेटा प्राइवेसी, डिजिटल फ्रॉड आदि से बचाव के लिए स्ट्रांग पासवॉर्ड रेगुलर सॉफ्टवेयर अपडेट एंटिवाइरस और फायर वाल, डाटा एन्क्रिप्शन आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
द्वितीय सत्र में द्वितीय सत्र में डेटा एण्ड एप्लीकेशन सिक्योरिटी प्रोटेक्शन विषय पर एसटीक्यूसी के पूर्व निदेशक वीके त्रिवेदी ने बताया कि साइबर सुरक्षित भारत अभियान के तहत यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज के दौर मे सबसे अधिक साइबर अपराध डिजिटल अरेस्ट के रूप मे हो रहे हैं, जिसके लिए हमारा असुरक्षित डेटा ही जिम्मेदार है। उन्होंने ISO27001 के बारे मे बताया कि यह सर्टिफिकेशन आईटी सिक्योरिटी के लिए है। साइबर सिक्योरिटी ऑडिट के बारे मे विभिन्न स्तर पर होने वाले ऑडिट पैरामीटर की जानकारी दी।
तीन दिन तक चले इस कार्यशाला मे साइबर सुरक्षा विषय पर कुल 11 सत्र हुए, जिसमे विभिन्न साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने अपने व्याख्यान प्रस्तुत किए और सभी प्रतिभागियों ने सत्र के दौरान विषय आधारित प्रश्न एवं जिज्ञासा व्यक्त की जिनका समाधान विषय विशेषज्ञों ने किया गया।
समापन सत्र की अध्यक्षता डीआईजी पुलिस सेंथिल ने की। कार्यक्रम मे 20 विभागों के 30 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया जिनमे विभिन्न विभागों के 15 मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी शामिल थे।
हिन्दुस्थान समाचार / कमलेश्वर शरण