वन पंचायतों को अधिकार संपन्न बनाये जाने की उठी मांग

 


गोपेश्वर, 05 मार्च (हि.स.)। चमोली जिले देवाल विकास खंड में मंगलवार को वन सरपंचों का एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें वनों और वन्यजीवों को आग से बचाने, सरपंचों को मानदेय देने के साथ ही वन पंचायतों को अधिकार संपन्न बनाये जाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया।

कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए पूर्व सरपंच गणेश मिश्रा ने कहा कि वन पंचायत सरपंचों को अपने अधिकारो के साथ कर्तव्यों का भी बखुबी निर्वहन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पेड़ों को लगाने और उनकी सुरक्षा का भी संकल्प लेना होंगा। वन क्षेत्राधिकारी अखलेश भट्ट ने कहा कि वनों को आग से बचाने की आवश्यकता है। आग के कारण हर साल लाखों रुपये की वन संपदा नष्ट होने के साथ ही पर्यावरण पर भी इसका दुष्प्रभाव पड़ रहा है।

वन सरपंचों ने कार्यशाला के माध्यम से अपनी समस्याओं को रखा। इसमें वन सरपंचों को मानदेय, उत्तराखंड सलाहकार परिषद् का गठन करने, वन पंचायतों में उगने वाली वन सम्पदा का राजस्व सरपंचों को दिये जाने, वन पंचायत चुनाव प्रणाली में सुधार कर पंचायतों की तरह चुनाव करवाए जाय, उत्कृष्ट कार्य करने वाले वन पंचायत को पुरस्कृत करने की मांग उठाई है।

वन पंचायत परामर्शदात्री समिमि के ब्लाॅक अध्यक्ष गोविंद राम सोनी ने कहा कि वन पंचायत सरपंचों के अधिकार समित है। जिससे वन पंचायतों का विकास नहीं हो पा रहा है। वन पंचायतों को अधिकार संपन्न बनाया जाए।

इस मौके पर राजस्व उपनिरीक्षक प्रमोद नेगी, सहायक विकास अधिकारी वन बहादुर सिंह नाथ, हरीश पांडे, पूर्व तहसीलदार जयवीर वधाणी, बख्तावर सिंह, मनोज कुमार, राजेंद्र गडिया, अशोक कुमार, बलवंत सिंह, राम सिंह कोटड़ी, हेम चन्द्र मिश्र, दलवीर सिंह आदि मौजूद थे।

हिन्दुस्थान समाचार/जगदीश/रामानुज