'एक वोट, एक रोजगार की मांग मौलिक अधिकारों में हो शामिल'

 


देहरादून, 23 नवंबर (हि.स.)। एक वोट, एक रोजगार और बेरोजगार संघ ने एक वोट, एक रोजगार मौलिक अधिकारों में शामिल मांग करने की मांग की है।

एक वोट, एक रोजगार के संयोजक प्रवीण काशी और बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने संयुक्त प्रेस वार्ता में सात सूत्री मांगें मीडिया के सामने रखीं। प्रेस क्लब में आयोजित इस प्रेस वार्ता में गुरुवार को मीडिया से बातचीत में बॉबी पंवार ने कहा कि एक वोट एक रोजगार के संयोजक प्रवीण काशी के साथ बेरोजगार संघ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ेगा। देवभूमि से उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पवार ने एक वोट, एक रोजगार आंदोलन के संयोजक प्रवीण काशी को देहरादून से बनारस के लिए हरी झंडी दिखाकर रवाना करते हुए कहा कि यदि रोजगार को मौलिक अधिकार नहीं बनाया गया तो प्रवीण काशी प्रधानमंत्री मोदी की लोकसभा क्षेत्र बनारस से बेरोजगारों के प्रतिनिधि के रूप में नामांकन करेंगे। देवभूमि से उत्तराखंड बेरोजगार संघ से हरी झंडी लेकर राजघाट फिर मथुरा और अयोध्या होते हुए बनारस पहुंचेंगे।

इस अवसर पर एक बोट,एक रोजगार के संयोजक प्रवीण काशी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने दो करोड़ प्रतिवर्ष रोजगार का वादा किया, लेकिन वास्तविकता 5 किलो अनाज है। उन्होंने कहा कि हम रोजगार अपना जीवन सम्मान के साथ जीना चाहते हैं। हम टैक्स पेयर बनना चाहते हैं। अमीरों के टैक्स पर अनाज,बिजली, पानी या बेरोजगारी भत्ता नहीं चाहते। यदि हमारे सांसदों और विधायकों को लाखों रुपये वेतन और विधायकों को लाखों रुपये वेतन और भत्ते मिल सकते हैं तो हमारे वोटरों को सम्मानजनक रोजगार क्यों नहीं?

प्रवीण काशी ने कहा कि देश में बहुत से कानून बने हैं, लेकिन सम्मान से जीवन जीने के लिए सबसे जरूरी रोजगार पर मौलिक अधिकार कानून नहीं बनाया गया। कानून बनाने का काम संसद का है। देश के बेरोजगारों और उनके परिजनों की मांग है कि रोजगार मौलिक अधिकार बने, अब हम देश की संसद से रोजगार को मौलिक अधिकार बनाने की मांग करते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/ साकेती/रामानुज