ई वेस्ट एकत्रित करने वाले सरकारी विभागों को जारी होगा नोटिस
- मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने ई वेस्ट मेनेजमेंट के सम्बन्ध में सख्त निर्देश दिए
देहरादून, 15 जुलाई (हि.स.)। उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड उन सभी सरकारी विभागों को नोटिस जारी करने जा रहा है, जिनकी ओर से अनुपयोगी पुराने कम्प्यूटर, प्रिन्टर, स्कैनर व मोबाइल जैसे ई वेस्ट अनावश्यक रूप से एकत्रित किए जा रहे हैं।
सचिवालय में उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने ई वेस्ट मेनेजमेंट के सम्बन्ध में सख्त निर्देश दिए। उन्होंने सभी सरकारी एवं गैर सरकारी संगठनों को सख्ती से ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन एवं मेडिकल वेस्ट डिस्पॉजल की पुख्ता व्यवस्था के कड़े निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने विशेष रूप से सरकारी विभागों को इस संबंध में किसी भी प्रकार की लापरवाही ना करने की सख्त हिदायत दी है। इसके साथ ही कूड़ा प्रबन्धन एवं निस्तारण के कार्य में लगे स्वच्छता कर्मियों को हाथों के दस्ताने, मास्क, गमबूट्स तत्काल उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं।
पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति निधि के उपयोग के सम्बन्ध में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन के तहत ठोस अपशिष्ट के संग्रहण, भंडारण, परिवहन, प्रसंस्करण के लिए बुनयादी सुविधाएं तैयार करने, नाडेप पिट के माध्यम से जैव खादों के उत्पादन, सामूहिक सफाई अभियान को प्रोत्साहित करने, सेनेटरी वेस्ट एवं घरेलू खतरनाक अपशिष्ट के एकत्रीकरण व निपटान की व्यवस्था तथा सॉलिड वेस्ट मेनेजमेंट के सम्बन्ध में कचरा बीनने वाले लोगों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव ने प्लास्टिक वेस्ट मेनेजमेंट के तहत औद्योगिक ईकाइयों का नियमित निरीक्षण करने को कहा। उन्होंने जब्त किए गए एसयूपी के परिवहन, रिसाइकिलिंग व निस्तारण के भी निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने ऐसे व्यक्तियों, गैर सरकारी संगठनों एवं संस्थानों को पुरस्कृत एवं प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं जो प्लास्टिक कूड़े के पर्यारवणीय हित में प्रबन्धन के लिए कार्य कर रहे हैं।
मुख्य सचिव ने बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट के सम्बन्ध में एक प्रभावी सर्विलेंस सिस्टम विकसित करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने निर्देश दिए हैं कि पैरामेडिकल कार्मिकों के लिए बायोमेडिकल वेस्ट के सेगरिगेशन, स्टोरेज व निस्तारण के सम्बन्ध में प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। उन्होंने खतरनाक अपशिष्ट प्रबन्धन के तहत ऐसे लोगों के लिए कौशल विकास एवं जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए हैं जो खतरनाक अपशिष्ट की हैंडलिंग, रीसाइक्लिंग व प्री प्रोसेसिंग के कार्यों को करते हैं। उन्होंने संभावित खतरनाक अपशिष्ट दूषित स्थलों के आंकलन के भी निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलिशन वेस्ट मैनेजमेंट के तहत निर्माण एवं ध्वस्तीकरण अपशिष्ट की प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना एवं अपग्रेडेशन के निर्देश दिए हैं। उन्होंने घरेलू अपशिष्ट जल के उपचार के सम्बन्ध में निर्देश दिए हैं कि डिसेंट्रलाइज्ड वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट सिस्टम को अधिक से अधिक बढ़ावा दिया जाए। इसके साथ ही क्यूनिटी सेनेटरी कॉम्पलेक्स को भी प्रोत्साहित किया जाए।
उन्होंने उपचारित जल का प्रयोग पीने के अलावा अन्य कार्यों में उपयोग के लिए प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं। औद्योगिक अपशिष्ट जल के सम्बन्ध में मुख्य सचिव ने निर्देश दिए हैं कि कॉमन ट्रीटमेंट प्लान्ट की स्थापना के लिए गैप फण्डिग का उपयोग किया जाए। जलस्रोतों के पुनर्जीवीकरण के लिए निर्देश दिए हैं कि बाढ़ वाले मैदानी क्षेत्रों में पौधरोपण को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने भूमिगत जल को रिचार्ज करने के लिए विशेष प्रयास के निर्देश दिए। इसके साथ ही वायु प्रदूषण के प्रभावी नियंत्रण के लिए एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग नेटवर्क को सृदृढ़ करने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में प्रमुख सचिव रमेश कुमार सुधांशु, उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान समाचार
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार / वीरेन्द्र सिंह