निर्दलीय विधायक उमेश शर्मा को वाई प्लस सुरक्षा देने पर हुई सुनवाई
नैनीताल, 24 जून (हि.स.)। हाई कोर्ट में खानपुर से निर्दलीय विधायक उमेश शर्मा को वाई प्लस सुरक्षा दिए जाने के साथ राज्य सरकार के द्वारा अन्य को गलत तरीके से शुरक्षा मुहैय्या कराए जाने के खिलाफ दायर जनहीत याचिका पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई करते हुए वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खण्डपीठ ने अगली सुनवाई के लिए दो सप्ताह बाद की तिथि नियत की है।
मामले के अनुसार हरिद्वार निवासी भगत सिंह ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि विधायकों की शुरक्षा के नाम पर उन्हें एक शुरक्षकर्मी दिया जाता है। इसके अलावा यदि किसी विधायक को खतरा है तो उन्हें एक अतिरिक्त शुरक्षा कर्मी दिया जाता है। किसी विधायक को सुरक्षा कवर देने से पहले एलआईयू द्वारा रिपोर्ट विभाग को दी जाती है। उन्होंने उमेश शर्मा के मामले का उदारहण देते हुए कहा है कि उन्हें सुरक्षा देते वक्त अपनाई जाने वाली प्रक्रिया का पालन किए बिना उनके प्राथर्ना पत्र के आधार पर उन्हें वाई प्लस सुरक्षा प्रदान की गई है। यही नहीं उनके पास अपनी पर्सनल एस्कॉर्ट भी है।
याचिकाकर्ता का कहना है कि स्थानीय खुफिया इकाई ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उनके जीवन को कोई खतरा नहीं है इसलिए उनकी वाई प्लस शुरक्षा हटाई जाय। ऐसे ही कितने लोगों की शुरक्षा में पुलिस लगी है जबकि उनको किसी से कोई खतरा नहीं है। पुलिस का दुरुपयोग है। पुलिस का कार्य जनता की शुरक्षा करना है।
हिन्दुस्थान समाचार/लता नेगी/वीरेन्द्र