कांग्रेस ने धराली आपदा को लेकर राज्य सरकार पर किए तीखे प्रहार, कहा- वास्तविकता छुपा रही है सरकार

 


देहरादून, 5 दिसंबर (हि.स.)। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने उत्तरकाशी जिले की धराली आपदा को लेकर सरकार पर तीखे प्रहार किए हैं। उन्होंने कहा कि सब कुछ खोने के बाद अब धराली के लोगों की आंखों में आंसू हैं। मलबे में दबे लोगों को खोजने के बजाय सरकार ने उस पर सड़क बना दी। पहाड़ी शैली में बने बेशकीमती देवदार, पत्थर और पठाल की छत से बनाए गए भवनों को सरकार कच्चा भवन बता रही है और 112 से अधिक लोगों के बजाय मात्र 38 लोगों को पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद दी गई।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल शुक्रवार को यहां कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। धराली मामले में भाजपा नेता कर्नल अजय कोठियाल के एक बयान के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोदियाल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने धराली पहुंचकर हालात का जायजा लिया। वापस लौटने पर आज कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने मीडिया से बातचीत की।

गोदियाल ने कहा कि धराली के लोग आंसू बह रहे हैं। लोगों के घर तबाह हो गए, लोग आज भी मलबे में दबे अपनों की तलाश कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने लापता लोगों को खोजने के बजाय उस मलबे पर सड़क बना दी है। मुआवजे के नाम पर लोगों को पांच-पांच लाख रुपये थमा दिए गए और शानदान पहाड़ी शैली में बने बेशकीमती भवनों को कच्चा भवन करार दे दिया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हर्षिल में गंगा नदी पर झील बनी हुई है और यह हर्षिल के लिए गंभीर खतरा है। नदी का स्तर में वृद्धि हुई है लेकिन झील से पानी की निकासी को लेकर सरकार मौन है। उन्होंने कहा कि सरकार ने दावा किया था कि मलबे में दबे प्रत्येक व्यक्ति की खोज के बाद ही सर्च एंड रेस्क्यू का कार्य बंद किया जाएगा लेकिन सरकार ने यह कार्य बंद कर दिया है। अब लोग स्वयं ही मलबा खोद रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार धराली आपदा ही नहीं बल्कि पूरे उत्तराखंड में आई आपदाओं के प्रति अति असंवेदनशील है और यह स्पष्ट दिखाई दे रहा है। गणेश गोदियाल ने कहा आपदा के दौरान सरकार ने केंद्र सरकार से 57 सौ करोड़ रुपये की मांग की और केंद्र ने 12 सौ करोड़ की मंजूरी की बात कही लेकिन अभी तक धेला भर तक केंद्र से नहीं मिला है। इसकी एक वजह यह बताई जा रही है कि अभी तक सरकार इसके कागज तक तैयार नहीं कर पा रही है। उन्होंने कहा कि 2013 केदारनाथ आपदा में कांग्रेस सरकार ने आपदा पीड़ितों को स्व निर्धारण करने को कहा और तब स्व निर्धारण के आधार पर आर्थिक मदद दी गई लेकिन यह सरकार नियमों का हवाला दे रही है।

गोदियाल ने कहा कि चीन सीमा से सटे इलाके में सरकार का इस रवैये पर उन्हें अफसोस है। गंगोत्री तक का मार्ग बुरी स्थिति में है। यह क्षेत्र सामरिक दृष्टि से भी अति महत्वपूर्ण है लेकिन सरकार बिल्कुल लापरवाह नजर आ रही है। उन्होंने कहा कि धराली में करीब 250 नाली जमीन नष्ट हो गई। इस जमीन को पुनः आबाद कर सुरक्षा के ठोस उपाय किए जाने भी नितांत आवश्यक है। वे लोग कहा जाएंगे और रहने के लिए घर कहां बनाएंगे। पांच लाख में भवन बनने से रहा सरकार को चाहिए कि प्रत्येक व्यक्ति को 50 लाख का मुआवजा दें ताकि वह घर बनाने के साथ ही अपना जीवन व्यवस्थित कर सके।

उन्होंने कहा कि ध्वस्त व्यवसायिक प्रतिष्ठान का भी सरकार लोगों को मुआवजा नहीं दे रही है। कई लोगों ने कर्ज पर होटल, रिजॉट बनाए थे लेकिन उन्हें कुछ भी नहीं मिल रहा है और ऐसे में एक युवक ने आत्महत्या तक कर दी। बैंकों से कर्ज लेकर लोगों ने होटल, रिजॉट, होम स्टे बनाए थे और अब वे बैंक का लोन कहां से दें। सरकार पूरी तरह से असंवेदनशील और तानाशाह नजर आ रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल जल्द भ्रमण की रिपोर्ट तैयार कर राज्यपाल से मुलाकात करेगी।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार मृतकों के आंकड़े छुपा रही है। भाजपा के कर्नल कोठियाल के साथ ही स्थानीय लोग भी इस बात को प्रमाणित कर रहे हैं कि करीब 150 से अधिक लोग मलबे में दबे थे लेकिन सरकार आज तक यह स्पष्ट नहीं कर पाई है कि कितने लोगों की मौत हुई। उन्होंने कहा कि टूरिस्ट कितने थे यह आंकड़ा भी नहीं बताया रहा। यही नहीं बल्कि कांग्रेस के प्रतिनिधि मंडल के धराली पहुंचने से पहले इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई। उन्होंने कहा कि सरकार जनता के साथ धोखा कर रही है और इसे कांग्रेस बर्दाश्त नहीं करेगी।

उल्लेखनीय है कि उत्तरकाशी जिले के धराली में 5 अगस्त को आई बाढ़ में धराली का अस्तित्व मिट गया। विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धामी और सीमांत क्षेत्र की इस आपदा में जान-माल का बड़े स्तर पर नुकसान हुआ था।

हिन्दुस्थान समाचार / विनोद पोखरियाल