नवचयनित असिस्टेंट प्रोफेसर अपने कार्य स्थल पर नवाचार का प्रयोग करें: मुख्यमंत्री

 






- मुख्यमंत्री ने आयोग से चयनित 72 असिस्टेंट प्रोफेसर को साैंपे नियुक्ति पत्र

देहरादून, 27 अगस्त (हि.स.)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि नवचयनित असिस्टेंट प्रोफेसर अपने कार्य स्थल पर नवाचार का प्रयोग करें। यह पहला पड़ाव है। आपके पास हमारे युवाओं का भविष्य निर्माण करने की अहम जिम्मेदारी है। इस चुनौती को साकार रूप देकर राज्य सरकार के विकल्प रहित संकल्प को पूरा करने में अपना योगदान दें।

मुख्यमंत्री धामी मंगलवार को अपने आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में उच्च शिक्षा विभाग के अन्तर्गत लोक सेवा आयोग,उत्तराखंड से चयनित 72 असिस्टेंट प्रोफेसर को नियुक्ति पत्र सौंपने के बाद संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र और अंग्रेजी विषय में चयनित असिस्टेंट प्रोफेसर को नियुक्ति पत्र सौंपे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राज्य के मेधावी छात्रों के लिए नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) इंस्टीट्यूट में 50 हजार रुपये की धनराशि दी और पोर्टल का शुभांरभ भी किया।

मुख्यमंत्री धामी ने नियुक्तिपत्र पाने वाले सभी असिस्टेंट प्रोफेसर को बधाई देते हुए कहा कि अब आपके पास अपने कार्यक्षेत्र में श्रेष्ठ प्रदर्शन से बच्चों के भविष्य को संवारने की महत्वपूर्ण चुनौती है। नवचयनित असिस्टेंट प्रोफेसर अपने कार्य स्थल पर नवाचार का प्रयोग करेंगे। समाज की कुरीतियों के खिलाफ जागरुकता अभियान चलायेंगे, शिक्षा के क्षेत्र में आधुनिक तकनीक का प्रयोग और रोजगारपरक शिक्षा के साथ बच्चों को अच्छे संस्कार भी देंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बाबा केदार की भूमि से कहा था कि 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक होगा। राज्य सराकर इस दिशा में आगे बढ़ रही है। राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए तैयारी अंतिम चरण में है। पिछले तीन सालों में जनहित में अनेक निर्णय लिये गये हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षा मानवीय संसाधनों को तराशने का आधार है। युवा कर्णधारों को सही दिशा देने में उच्च शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। शिक्षार्थियों को अच्छी शिक्षा के साथ समाज और देश के प्रति जिम्मेदार बनाने में भी शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को उद्यमिता और स्टार्टप के प्रति भी प्रोत्साहित किया जाए। राज्य सरकार की ओर से उद्यमिता और स्टार्टप को लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि युवाओं को इस तरह तैयार करना है कि वे सिर्फ रोजगार पाने वाले ही न बनें, बल्कि दूसरों को भी रोजगार देने वाले बनें। इसके लिए राज्य में देवभूमि उद्यमिता योजना भी शुरू की गई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को राज्य में लागू किया गया है। शिक्षा व्यवस्था को गुणवत्तापूर्वक और प्रभावी बनाने की दिशा में सरकार निरंतर कार्य कर रही है।

प्रदेश में 20 मॉडल कॉलेज हाे रहे हैं स्थापना

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में आधारभूत संरचनाओं के निर्माण, तकनीक के विस्तार के सभी क्षेत्रों में कार्य किये जा रहे हैं। राज्य में 20 मॉडल कॉलेजों की स्थापना की जा रही है। मेधावी छात्र-छात्राओं को प्रतिमाह छात्रवृत्ति दी जा रही है। शोध को बढ़ावा देने के लिए शोद्यार्थियों को भी प्रोत्साहन दिया जा रहा है। गौरव योजना के तहत राज्य के उच्च शिक्षण संस्थाओं में अध्ययनरत छात्रों को बैंकिंग और वित्तीय त्रिस्तरीय प्रशिक्षण और पांच हजार छात्रों के प्लेसमेंट का भी लक्ष्य रखा गया है।

तीन साल में 16 हजार से अधिक युवाओं को मिला रोजगार:

पिछले तीन साल में 16 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी सेवाओं में नियुक्ति दी गई है। शेष रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया भी तेजी से चल रही है। राज्य में सख्त नकल विरोधी कानून और दंगा रोधी कानून लागू किया गया है। नीति आयोग की ओर से जारी सतत विकास लक्ष्यों में उत्तराखंड को देश में प्रथम स्थान मिला है। यह राज्य के लिए गर्व का विषय है। हमारी सरकार की ओर से पिछले तीन सालों में लिए गये अनेक फैसलों को मॉडल के रूप में पहचान मिली है।

इस अवसर पर राज्यसभा सांसद नरेश बंसल,विधायक उमेश शर्मा काऊ, खजान दास, सविता कपूर, उपाध्यक्ष उच्च शिक्षा उन्नयन समिति प्रो. देवेन्द्र भसीन, सचिव उच्च शिक्षा शैलेश बगोली, अपर सचिव आशीष श्रीवास्तव और उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार / सुनील सक्सेना