वन मंत्री ने बाल कहानी गुलदार दगड़िया का किया विमोचन

 


देहरादून, 10 फरवरी (हि.स.)। वन एवं भाषा मंत्री सुबोध उनियाल ने शनिवार को वन मंत्री के कैम्प कार्यालय पर आयोजित कार्यक्रम में बाल साहित्यकार इंजी.ललित शौर्य की बाल साहित्य की 12वीं कहानी संग्रह गुलदार दगड़िया का विमोचन किया।

इस अवसर पर मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि यह पुस्तक जनजागरूकता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसमें गुलदार, सर्पदंश, जंगलों में लगने वाली आग, वृक्षारोपण जैसे महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील विषयों को रेखांकित किया गया है। गुलदार एवं अन्य जंगली जीव खाद्य श्रृंखला के लिए महत्वपूर्ण जीव हैं। हमें गांव के सीमाओं पर बचा खाना,मरे जानवरों के शव आदि नहीं फेकने चाहिए। जंगली जानवरों का आबादी की ओर आना बड़ी चिंता की बात है। जिस पर कार्य किया जा रहा है। यह पुस्तक भी गुलदार के सम्बंध में जानकारी देती है। साथ ही हिंसक जीवों से बचाव एवं पर्यावरण के महत्व को दर्शाती है। युवा बाल साहित्यकार इंजी. ललित शौर्य का यह कार्य अत्यंत प्रशंसनीय है।

टिहरी सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह के जनसंपर्क अधिकारी रजनीश कौंसवाल ने कहा कि ललित शौर्य लंबे समय से साहित्य जगत में महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं। उत्तराखंड का बाल साहित्य अब समृद्ध हो रहा है। युवा बाल साहित्यकार द्वारा बहुत कम समय में 12 स्तरीय पुस्तकों का लिखा जाना मील का पत्थर स्थापित करने जैसा है। यह पुस्तक गुलदार दगड़िया निश्चित ही आम जनमानस एवं बच्चों को पसंद आएगी। शौर्य के मोबाईल नहीं, पुस्तक दो अभियान की चर्चा पूरे प्रदेश में है जो नई पीढ़ी के लिए महत्वपूर्ण मुहिम साबित हो रही है।

पुस्तक के लेखक इंजी. ललित शौर्य ने कहा कि आज बच्चों में पर्यावरण एवं वन्य जीवों के बारे में जानकारी होनी अत्यंत आवश्यक है। अगर बच्चे वन्य जीवों के व्यवहार से अवगत होंगे तो किसी भी बड़ी घटना से बचा जा सकता है। इस कहानी संग्रह में गुलदार के बारे में कहानी के माध्यम से बताया गया है। जिससे बच्चों को बहुत सारी जानकारी प्राप्त होगी। साथ ही जनजागरूकता के लिए महत्वपूर्ण बातों का समावेश इस पुस्तक में किया गया है। शौर्य ने बताया कि इस पुस्तक को लिखने की प्रेरणा उन्हें डीएफओ पिथौरागढ़ जीवन मोहन दगाड़े ने दी।

इस अवसर पर रोशन रांगड़,प्रदीप भट्ट,अनमोल सिंह,पंकज कुमार,रघुवर बिष्ट समेत अनेक लोग उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार/राजेश/रामानुज