मुख्यमंत्री ने बलिदानी सैनिकों के परिजनों को किया सम्मानित
देहरादून, 5 दिसंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सहस्त्रधारा रोड, स्थित एक होटल में उत्तराखंड अनन्य सम्मान कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने बलीदानी सैनिकों के परिजनों को सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि शहीदों के परिजनों का संघर्ष, पीड़ा और देश के प्रति अटूट निष्ठा हम सभी के लिए प्रेरणा है। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड वीरभूमि के रूप में भी जाना जाता है। प्रदेश के लगभग प्रत्येक परिवार का सदस्य सेना या अर्ध सैनिक बलों से जुड़ा हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे स्वयं एक फौजी के बेटे हैं, इसलिए उनके हृदय में शहीदों और उनके परिवारों के प्रति हमेशा से गहरी संवेदनशीलता, सम्मान और समर्पण की भावना रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने शहीदों की वीरता और बलिदान को नमन करते हुए शहीदों के आश्रितों को मिलने वाली अनुग्रह राशि को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये कर दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सेना में परमवीर चक्र से लेकर मेन्सन इन डिस्पैच तक सभी वीरता पुरस्कारों से अंलकृत सैनिकों को दी जाने वाली एकमुश्त तथा वार्षिक धनराशि में भी अभूतपूर्व वृद्धि की है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि बलिदानियों के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी में समायोजित करने का भी निर्णय लिया गया है और सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करने की अवधि को भी 2 वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बलिदानियों के आश्रितों के लिए नौकरी पूर्व प्रशिक्षण तथा पुत्री विवाह अनुदान जैसी योजनाएं भी संचालित कर रहे हैं। राज्य में वीरता पुरस्कार प्राप्त सैनिकों और पूर्व सैनिकों के लिए सरकारी बसों में यात्रा की निःशुल्क व्यवस्था करने के साथ ही सेवारत व पूर्व सैनिकों के लिए 25 लाख रुपये की सम्पत्ति की खरीद पर स्टाम्प ड्यूटी में 25 प्रतिशत की छूट भी प्रदान की जा रही है। पूर्व सैनिकों एवं वीर नारियों को भी अचल सम्पत्ति की खरीद पर स्टाम्प शुल्क में 25 प्रतिशत तक की छूट देने की व्यवस्था की है।
मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार, देहरादून के गुनियाल गांव में भव्य सैन्य धाम का निर्माण करवा रही है। जो प्रत्येक उत्तराखंडी के लिए एक पावन स्थल होगा। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में सैनिकों का मनोबल बढ़ाने के साथ सेना को अत्याधुनिक संसाधनों से युक्त भी किया जा रहा है। देश रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। कई देशों को रक्षा उपकरणों और संसाधनों का निर्यात भी कर रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में भारत रक्षा सामग्री का निर्यात करने वाले शीर्ष देशों की सूची में शामिल हो गया है।
हिन्दुस्थान समाचार / विनोद पोखरियाल