निर्माणाधीन योजनाओं पर मुख्यमंत्री धामी की नजर, बोले- हीलाहवाली बर्दाश्त नहीं
- कुमाऊं मंडल में पेयजल, विद्युत आपूर्ति सहित विभिन्न विकास कार्यों की समीक्षा
- कैंची धाम में यात्रियों के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था करने के निर्देश
- पांच करोड़ से अधिक लागत की योजनाओं का जिलाधिकारी करें भौतिक सत्यापन
- आयुक्त कुमाऊं को मॉनिटरिंग करने के साथ लापरवाह अधिकारी पर कारवाई के दिए निर्देश
देहरादून, 1 जून (हि.स.)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को एफटीआई सभागार हल्द्वानी में मानसखंड मंदिर माला के अंतर्गत कैंची धाम में आयोजित होने वाले मेला की तैयारियां परखी। साथ ही कुमाऊं मंडल में पेयजल, विद्युत आपूर्ति सहित विभिन्न विकास कार्यों की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कैंची धाम में आने वाले पर्यटकों की संख्या में हर रोज इजाफा हो रहा है। इसके लिए जिलाधिकारी नैनीताल को पर्यटन विभाग के माध्यम से कैंची धाम में यात्रियों के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था चालू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य सभी यात्रा मार्गों में यात्रियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना है। इसके लिए यात्रा प्राधिकरण बनाया जाएगा। इसका उद्देश्य पर्यटकों और यात्रियों को अधिकतम सुविधाएं प्रदान करना होगा। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को यात्रा मार्ग में बनाई जाने वाली संरचना, सुविधाओं आदि के प्रपोजल भी भेजने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने बैठक में निर्देश दिए कि जल जीवन मिशन के कार्यों की गुणवत्ता और पेयजल योजना में लगने वाले पाइपों की मोटाई मानकों के अनुरूप ने होने की शिकायतों पर शीघ्र आवश्यक कार्यवाही की जाए। इस संबंध में कुमाऊं मंडल के सभी डीएम को उन्होंने पांच करोड़ से अधिक लागत की योजनाओं के भौतिक सत्यापन के लिए निरीक्षण के निर्देश दिए। साथ ही कुमाऊं आयुक्त को योजनाओं की मॉनिटरिंग करने और लापरवाही पाए जाने पर संबंधित के विरुद्ध कारवाई की संस्तुति के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि योजनाओं में हीलाहवाली बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन ईमानदारी और निष्ठा से करें।
मीडिया में छपी खबर का लें संज्ञान, कार्यों की जांच कर सुधारें गुणवत्ता
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर रोज समाचार पत्रों, सोशल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में विभागों के द्वारा किए जा रहे कार्यों की वास्तविक स्थिति दिखाई जाती है। जिस भी विभाग से संबंधित खबरें मीडिया में छपती है या दिखाई जाती है सम्बंधित अधिकारी जिम्मेदारी लेते हुए खबर का संज्ञान लें और कार्यों की जांच कर गुणवत्ता में सुधार करें। साथ ही खबर के संबंध में की गई कार्यवाही से मीडिया को भी अवगत कराएं।
कुमाऊं मंडल में बिजली और पेयजल किल्लत पर लोगों को कम से कम परेशानी हो, इसके लिए मुख्यमंत्री ने ऊर्जा और पेयजल अधिकारियों को मांग के अनुरूप कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए। लोगों को किस प्रकार तत्कालिक राहत की जा सकती है, इस पर अधिकारी ध्यान दें। भविष्य में किस प्रकार ऊर्जा और पेयजल संकट से निपटा जा सके, इसके लिए दीर्घकालिक योजना भी तैयार करने के निर्देश दिए और स्वीकृत किए गए नए बिजली घरों पर शीघ्र कार्य आरंभ करने को कहा।
कैंची धाम मेले के लिए पुलिस-प्रशासन तैयार
बैठक में जिलाधिकारी वंदना सिंह ने बताया कि कैंची धाम मेले के लिए पुलिस-प्रशासन पूरी तरह से तैयार है। स्थाई और अस्थाई तौर पर 11 पार्किंग तैयार की गई है जिसकी क्षमता लगभग 1500 से दो हजार वाहनों की होगी।
नहर कवरिंग होने से हल्द्वानी शहर को जाम से मिलेगी निजात
मुख्यमंत्री धामी ने नगर निगम के पास नहर कवरिंग सड़क का निरीक्षण किया। डामरीकरण पर उन्होंने संतोष व्यक्त किया और कहा कि नहर कवरिंग हो जाने से हल्द्वानी शहर को काफी हद तक जाम से निजात मिलेगी।
शीशमहल फिल्टर प्लांट का निरीक्षण
पेयजल से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि जल निगम व जल संस्थान द्वारा 2055 की जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए हल्द्वानी शहर की पेयजल समस्या के दृष्टिगत जल निगम ने शहर के लिए पानी की मात्रा को बढ़ाकर ग्रेविटी स्कीम पर आधारित एक वाटर ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने के लिए डीपीआर तैयार की है। साथ ही पूर्व में स्थापित दोनों वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (डब्ल्यूटीपी) शीशमहल व शीतलाहाट को रेनोवेट करने की योजना है। विभाग ने लगभग 155 करोड़ की लागत से एक डब्ल्यूटीपी प्लान व वर्तमान में संचालित डब्ल्यूटीपी व अन्य कार्यों के सुदृढ़ीकरण के लिए प्लान तैयार किया है। निरीक्षण के दौरान एसई जल संस्थान विशाल सक्सेना ने कहा कि गौला नदी से ग्रैविटी पर आधारित स्कीम तैयार की जा रही है। साथ ही ट्यूबवेल से संचालित पेयजल योजनाओं को आकस्मिकता के तौर पर प्रयोग में लाया जाएगा।
ज्ञातव्य है कि हल्द्वानी में शीश महल व शीतलाहाट में दो वाटर फिल्टर प्लांट है जो कि काफी पुराने व अपनी समयावधि पूर्ण कर चुके है। बरसात के समय गौला नदी में सिल्ट आने से पेयजल आपूर्ति बाधित हो जाती है व वर्तमान में हल्द्वानी के दोनों वाटर प्लांट की पानी के प्यूरीफाई की क्षमता भी काफी कम है। इसके अलावा गर्मियों के दिनों में ट्यूबवेल फूंकने से भी पेयजल आपूर्ति बाधित रहती है।
हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/प्रभात