मुख्यमंत्री धामी ने सहायक अध्यापकों को दिए नियुक्ति पत्र, बोले- शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे नवाचार

 


- उत्तराखंड में शिक्षा के गुणात्मक सुधार के लिए धन की कमी नहीं

- प्रारंभिक शिक्षा में 2906 पदों के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया गतिमान

देहरादून, 16 अगस्त (हि.स.)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को शिक्षा निदेशालय ननूरखेड़ा में प्रारंभिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत चयनित 236 सहायक अध्यापकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। प्रथम चरण की काउंसलिंग में 473 सहायक अध्यापकों का चयन किया गया है। शेष अभ्यर्थियों को संबंधित जनपदों से नियुक्ति दी जा रही है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा के गुणात्मक सुधार के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि खराब स्थिति वाले स्कूल भवनों की मरम्मत के लिए आवश्यक धनराशि का प्रस्ताव शीघ्र भेजा जाए। इसके लिए जितनी धनराशि की आवश्यकता होगी दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले सभी अभ्यर्थियों को बधाई देते हुए कहा कि शिक्षक की समाज में अहम भूमिका होती है। बच्चों के भविष्य के निर्माण की जिम्मेदारी उनके कंधों पर होती है। अच्छी शिक्षा से एक बच्चा देश और समाज के लिए अनमोल धरोहर साबित होता है। बेहतर शिक्षा जीवन का मजबूत आधार है।

नए शिक्षकों के आने से स्कूलों में जगेंगी नई आशाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में तकनीक और नवाचार हो रहे हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि नव चयनित शिक्षक जिन स्कूलों में जाएंगे उनकी ऑनरशिप लेंगे और नवाचार के कार्य करेंगे। नए शिक्षकों के आने से स्कूलों में शिक्षा के क्षेत्र में नई आशाएं जगेंगी। स्मार्ट क्लास, ई-लर्निंग और डिजिटल शिक्षा, शिक्षा के महत्वपूर्ण अंग बन चुके हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षण कार्य केवल पाठ्यक्रम तक सीमित न रहे, व्यक्तित्व निर्माण और नैतिक शिक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया जाए।

शिक्षा मंत्री बोले- इंटरमीडिएट तक बनाई जा रही त्रिस्तरीय व्यवस्था

शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि प्रारंभिक शिक्षा में 2906 पदों के लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया गतिमान है। इसके तहत पहले चरण में 473 सहायक अध्यापकों को शुकव्रार को नियुक्ति मिली है। अब स्कूलों में शिक्षकों की संख्या काफी अच्छी हो गई है। जिन स्कूलों में 10 से कम छात्र हैं, वहां एक शिक्षक रहेगा। जहां 10 से ज्यादा छात्र हैं वहां दो, जहां 40 से ज्यादा छात्र हैं वहां तीन, जहां 70 से ज्यादा छात्र हैं वहां पर चार एवं जहां 100 से ज्यादा छात्र हैं वहां पांच शिक्षक दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जहां एक शिक्षक है और अगर वह अवकाश पर जाता है तो नजदीकी विद्यालय जहां दो शिक्षक हैं, वहां से एक को उक्त विद्यालय में भेजा जाएगा। यह पूरी व्यवस्था बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि स्कूली शिक्षा में कक्षा एक से 12 तक त्रिस्तरीय व्यवस्था बनाई जा रही है।

गेस्ट फैकल्टी और वेतन वृद्धि पर विचार कर रही सरकार

शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस बार स्थानांतरण नीति के अंतर्गत लगभग छह हजार से ज्यादा शिक्षकों के स्थानांतरण हुए। स्थानांतरण में काउंसलिंग व्यवस्था का असर यह रहा कि जिनका ट्रांसफर हुआ वे तो खुश हैं, जिनका ट्रांसफर नहीं हुआ वो भी खुश हैं। उन्होंने कहा कि पात्र शिक्षकों की शीघ्र पदोन्नति के लिए भी सरकार कोई न कोई रास्ता निकालने जा रही है। गेस्ट फैकल्टी की मांग पर उन्होंने कहा कि प्रयास किया जा रहा है कि उनको अपना जनपद मिल जाए। इनकी वेतन वृद्धि से जुड़ी मांग पर भी विचार किया जा रहा है। इस दौरान विद्यालयी शिक्षा सचिव रविनाथ रमन, अपर सचिव रंजना राजगुरू, विद्यालयी शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी, विद्यालयी शिक्षा निदेशक अजय कुमार आदि उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार / कमलेश्वर शरण / वीरेन्द्र सिंह