किचन गार्डन से जुड़कर कृषि को बढ़ावा देने के साथ पहाड़ी खेती का करेंगे सशक्तिकरण
- किसान मेला में जुटे उत्तराखंड एवं सीमावर्ती उत्तर प्रदेश के किसान और लघु उद्यमी
देहरादून, 28 फरवरी (हि.स.)। श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के पथरी बाग कैंपस में बुधवार को भव्य किसान मेले का आयोजन किया गया। इम्पावरमेंट ऑफ हिल फार्मिंग बाय श्रीअन्न एंड मेडिकल प्लांट्स इन उत्तराखंड विषय पर आयोजित किसान मेला में उत्तराखंड एवं सीमावर्ती उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से किसानों व लघु उद्यमियों ने शिरकत की। देश के पहले गांव माणा से पहुंचे किसानों ने किसान मेले की भव्यता बढ़ाई और किचन गार्डन से जुड़कर कृषि को बढ़ावा देने पर जोर दिया।
कृषि, पशुपालन व जड़ी-बूटी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रयत्नशील-
किसान मेले का उद्घाटन करते हुए मुख्य अतिथि मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री के विशेष सलाहकार एवं समन्वयक दलबीर सिंह दानू ने कहा कि उत्तराखंड के निर्माण के उद्देश्य में एक महत्वपूर्ण उद्देश्य स्थानीय किसानों को प्रोत्साहन देना भी रहा है। उत्तराखंड भौगोलिक परिस्थितियों के सापेक्ष की जानी वाली खेती, पशुपालन व जड़ी-बूटी उद्योग को बढ़ावा मिले, इसके लिए सरकार लगातार प्रयत्नशील है। इसी का परिणाम है कि ग्रामीण किसानों को आधुनिक कृषि की जानकारी व उसका सीधा लाभ मिल रहा है।
खादी की उपयोगिता और महत्व को भी करना होगा आत्मसात-
मुख्य अतिथि ने कहा कि खादी की उपयोगिता व महत्व को भी आत्मसात करना होगा। खादी एक वस्त्र नहीं विचार है। खादी ग्रामोद्योग के माध्यम से सरकार राज्य में रोजगार के अवसर दे रही है। आत्मनिर्भरता के लिए कृषि में आधुनिक तकनीक का सामंजस्य करना होगा। भारत सरकार श्रीअन्न को बढ़ावा दे रही है। उत्तराखंड में पहले से ही मोटा अनाज उगाए जा रहे हैं, केवल उसकी ब्रांडिंग पर ध्यान देना होगा। रजिस्ट्रार डॉ. अजय कुमार खंडूरी ने कहा कि कृषि उपज के उत्पादन के साथ उसकी मार्केटिंग भी सीखनी चाहिए, ताकि किसान और ज्यादा सशक्त बन सकें।
मोटे अनाज उगाकर किसान भरेंगे समृद्धि की उड़ान-
विशिष्ट अतिथि विनय कुमार ने कहा कि उत्तराखंड को मिलेट्स के लिए जीआई टैग प्राप्त है। आज यहां दो लाख 30 हजार हेक्टेयर भूमि में मोटे अनाज का उत्पादन किया जा रहा है। उत्तराखंड कृषि प्रधान राज्य है और पहाड़ के उत्पाद सुपर एनर्जेटिक हैं। सरकार की ओर से मोटे अनाज के दामों में वृद्धि से किसानों को काफी फायदा हुआ है। मोटे अनाज को उगाकर किसान आर्थिक रूप से और मजबूत बन सकते हैं।
किसानों एवं उद्यमियों ने लगाए 100 से अधिक स्टाल, विशेषज्ञों ने बताई आधुनिक बारीकियां-
कुलपति डाॅ. यशबीर दीवान ने कहा कि मेले में किसानों एवं उद्यमियों को 100 से अधिक स्टाल निःशुल्क उपलब्ध करवाए गए। कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को आधुनिक किसानी की बारीकियां बताई। उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से लाई गई मिट्टी का परीक्षण विशेषज्ञों की देखरेख में किया गया। पहाड़ी क्षेत्रों में पारंपरिक कृषि की तकनीकों एवं उत्पादन की विधाओं पर भी मंथन हुआ।
खूब पसंद आए पहाड़ी व्यंजन-
किसान मेले में पहाड़ी व्यंजन जैसे मंडुए की रोटी, पहाड़ी राजमा, झंगोरे की खीर, कोदे की रोटी, आरसे रोटने जैसे उत्पादों को भी लोगों ने खूब पसंद किया। पशु चिकत्सकों ने किसानों को पशुओं की देखरेख व बीमारियों से बचाव की जानकारी दी। वहीं एचडीएफसी बैंक, यूको बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक के अधिकारियों ने किसानों को लघु उद्योग शुरू किए जाने के लिए सरकारी योजनाओं से अवगत करवाया।
आईसीएआर की मिली मान्यता, अब देश का चुनिंदा विश्वविद्यालय बना एसजीआरआरयू -
श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय (एसजीआरआरयू) को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की मान्यता मिल गई है। अब एसजीआरआरयू देश के नामचीन चुनिंदा विश्वविद्यालयों की सूची में शामिल हो गया है। आईसीएआर की कड़ी प्रक्रिया एवं आईसीएआर की हर कसौटी पर खरा उतरने के बाद ही किसी विश्वविद्यालय को मान्यता प्रदान की जाती है। विश्वविद्यालय के कुलाधिपति महंत देवेंद्र दास महाराज ने कुलपति, कुलसचिव, कृषि विभाग की पूरी टीम सहित छात्र-छात्राओं एवं स्टाफ को इस उपलब्धि पर बधाई दी।
हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/रामानुज