भगवान गिरी महाराज की 38वीं पुण्यतिथि पर रामायण पाठ और रुद्राभिषेक हुआ
ऋषिकेश, 07 अप्रैल (हि.स.)। मायाकुण्ड स्थित भगवान गिरी आश्रम में भगवान गिरी महाराज की 38वीं पुण्यतिथि मनायी गयी। इस अवसर पर विश्व शांति की कामना को लेकर रामायण पाठ और रुद्राभिषेक का आयोजन हुआ। इस सम्मेलन में आये हुए संतों ने गंगा, गायत्री और गुरु की महिमा का बखान किया।
बाबा भूपेंद्र गिरी की अध्यक्षता में संत सम्मेलन में महंत ईश्वर दास ब्रह्मलीन भगवान गिरी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वह संत ही नहीं बल्कि संत के रूप में महान पुरुष थे। जिनकी प्रतिपूर्ति के रूप में आज बाबा भूपेंद्र गिरी को देखा जा सकता है, जोकि उनके पद चिह्नों पर चलकर गरीबों के कल्याण में लगे हैं, उन्होंने कहा कि बिना गुरु की कृपा के जीव का कल्याण नहीं होता है। इसके लिए हमें गुरु की आवश्यकता होती है। इस धरा धाम पर स्वयं परमात्मा के रूप में भी संत अवतरित होते हैं। जोकि अपने शिष्य को सनातन धर्म की रक्षा के मार्ग पर चलने की राह दिखाते हैं। ब्रह्मपुरी आश्रम के महंत दयाराम दास ने कहा कि आज सनातन धर्म की रक्षा के लिए संत ही मार्गदर्शन का कार्य कर रहे हैं।
षड् दर्शन साधू समाज, अखिल भारतीय सनातन धर्म रक्षा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत गोपाल गिरी, हनुमान पीठाधीश्वर, डॉ. रामेश्वर दास, रामायणी, महाराज, महंत विनय सारस्वत, महंत बलबीर सिंह, महंत रवि शास्त्री, राजेंद्र दास ने वर्तमान समय में गो, गंगा और गायत्री की जो दशा हो रही है उस पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा इसके लिए सभी समाज के लोगों को आगे आने की आवश्यकता पर बल दिया।
इस दौरान उत्तराखंड सरकार के शहरी एवं विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, मनोहर लाल, जतिन विरमानी, सोनू, राकेश गिरी ने भव्य भगवती के जागरण में पंजाब सहित देश के अन्य प्रांतों से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इस दौरान विशाल भंडारे का आयोजन भी किया गया।
हिन्दुस्थान समाचार/विक्रम/सत्यवान/रामानुज