आशाओं ने सीएम को दिलाया मानदेय नियत करने का वादा, भेजा ज्ञापन

 


नैनीताल, 23 फरवरी (हि.स.)। उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन के बैनर तले आशा कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को अपने पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत मुख्यालय स्थित जनपद के मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में धरना दिया और मुख्यमंत्री को ज्ञापन भिजवाया। ज्ञापन में आशाओं ने कहा कि सरकार आशाओं को नियमित वेतन नहीं दे रही है और प्रशिक्षण का पैसा भी घटता जा रहा है। पल्स पोलियो अभियान के लिये आशाओं को प्रति दिन 100 रुपये मात्र पर पूरा हफ्ता अभियान चलाना होता है। उन्हें न्यूनतम वेतन, कर्मचारी का दर्जा भी नहीं मिलता है, जबकि दूसरी ओर काम के बोझ को लगातार बढ़ाया जा रहा है, जो कि न्यायोचित नहीं है।

उन्होंने मुख्यमंत्री को याद दिलाया है कि 31 अगस्त 2021 को उनके आंदोलन के बाद मुख्यमंत्री ने खटीमा स्थित कैम्प कार्यालय में आशाओं के प्रतिनिधिमंडल से वार्ता के बाद आशाओं का मासिक मानदेय नियत करने व स्वास्थ्य महानिदेशक उत्तराखंड के आशाओं को लेकर बनाये गये प्रस्ताव को लागू करने का वादा किया था। तीन साल बाद भी यह वादा पूरा नहीं किया गया है। लिहाजा उन्होंने आशाओं को मासिक मानदेय नियत करने, स्वास्थ्य महानिदेशक द्वारा आशाओं के मानदेय को लेकर बनाए गए 2021 के प्रस्ताव को लागू करने, आशाओं को न्यूनतम वेतन, कर्मचारी का दर्जा व सेवानिवृत्त होने पर अनिवार्य व आजीवन पेंशन व एकमुश्त धनराशि देने का प्रावधान करने, विभिन्न मदों के लिए दिए जाने वाले पैसे अनिवार्य रूप से हर महीने देने और प्रशिक्षण व पल्स पोलियो अभियान के दौरान प्रति दिन 500 रुपये का भुगतान करने की मांगें उठायी हैं। प्रदर्शन कल 24 फरवरी को भी जारी रहेगा। आगे राज्यव्यापी आन्दोलन की चेतावनी भी दी गयी है।

हिन्दुस्थान समाचार/नवीन जोशी/वीरेन्द्र