संदेशखाली क्षेत्र में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में एबीवीपी ने फूंका मुख्यमंत्री ममता का पुतला
गोपेश्वर, 05 मार्च (हि.स.)। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने मंगलवार को गोपेश्वर महाविद्यालय के गेट पर पश्चिम बंगाल के उत्तर चौबीस परगना जिले के संदेशखाली क्षेत्र में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का पुतला फूंका तथा जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की।
एबीवीपी के प्रदेश सहमंत्री विपिन कंडारी ने आरोप लगाते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल के उत्तर चैबीस परगना जिले के संदेशखाली क्षेत्र की महिलाओं के साथ यौन शोषण, उनकी सामूहिक अस्मिता का हनन एवं उनके परिवारों पर सुनियोजित अत्याचार राज्य सरकार की ओर से संरक्षित अपराधियों की ओर से की जा रही है। अभाविप मानवता को शर्मसार करने वाली संदेशखाली घटना से आहत है और इसकी भर्त्सना करती है।
विगत 10 फरवरी को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल आनंद बोस के संदेशखाली दौरे के कारण इस वीभत्स शोषण की सच्चाई सामने आयी है। पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं की ओर से हिन्दू घरों से जबरन नाबालिग और महिलाओं को चिह्नित कर उनका अपहरण कर अत्याचार, दुराचार करने के कई जघन्य मामले सामने आये हैं। पीड़िताओं में अधिकांश महिलाएं अत्यंत पिछड़े एवं अनुसूचित वर्ग की हैं और अपने ऊपर हो रहे अत्याचार से तंग आकर कई परिवार संदेशखाली से पलायन करने को मजबूर हैं।
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल राज्य की महिला मुख्यमंत्री के संरक्षण से वर्षों के शारीरिक एवं मानसिक शोषण से तंग आकर संदेशखाली की हजारों महिलाएं आज राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलनरत हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के संरक्षण में राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं की ओर से संदेशखाली की महिलाओं का शोषण हो रहा है और राज्य की पुलिस उचित कानूनी कार्रवाई करने में विफल रही है। इसलिए अभाविप ने राष्ट्रपति से मांग की मांग है कि इन महिलाओं को न्याय दिलाने में हस्तक्षेप करते हुए पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए।
इस मौके पर विपिन कंडारी, दीपक बिष्ट, छात्र संघ अध्यक्ष आयुष गौड, अमित ठाकुर आदि मौजूद थे।
हिन्दुस्थान समाचार/जगदीश/रामानुज