तीन दिवसीय आयुष कामीय शिविर का शुभारंभ
हरिद्वार, 25 फरवरी (हि.स.)। नमामि गंगे घाट पर रविवार से तीन दिवसीय आयुष कामीय चिकित्सा शिविर की शुरुआत हुई।
इस अवसर पर पूर्व कैबिनेट मंत्री व नगर विधायक मदन कौशिक ने आयुर्वेद की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि राज्य गठन के बाद एक ऐसा समय आया कि आयुष चिकित्सकों ने स्वास्थ्य सेवाओं की कमान संभाली। उन्होंने विशेष तौर पर हरिद्वार में संचालित दो प्रमुख संस्थान ऋषिकुल और गुरुकुल आयुर्वेदिक कॉलेज का उल्लेख करते हुए कहा कि इन संस्थानों ने कई आयुरर्वेद विशेषज्ञों को देश व विदेश में जनसेवा के लिए दिया है। उन्होंने शिविर के स्टॉल का निरीक्षण किया, तथा शिविर में दी जाने वाली उपचार की विधि और औषधियों के बारे में भी जानकारी ली।
उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अरुण कुमार ने कहा कि आज आयुर्वेद में सभी पद्धतियों की चुनौती को स्वीकार्य किया जा रहा है।
आयुर्वेद से उपचार की विधि पर विभागाध्यक्ष रोग निदान डॉ. संजय सिंह डॉ. राजीव कुरेले ने वसंत ऋतु में होने वाली सामान्य बीमारियों और उनकी दिनचर्या व आहार के जरिए उपचार प्रस्तुत किया।
शिविर को कृष्णायन गोशाला के संरक्षक अनंतानंद महाराज, आयुर्वेद विशेषज्ञ प्रो. विनीत कुमार अग्निहोत्री, जिला होम्योपैथिक अधिकारी डॉ. विकास ठाकुर, जिला आयुर्वेदिक यूनानी अधिकारी डॉ. स्वास्ति सुरेश, शिविर प्रभारी डॉ. घनेंद्र वशिष्ठ, नोडल डॉ. अवनीश उपाध्याय, अध्यक्ष अश्वमेध हेल्थ एंड वेलनेस संस्थान विकास मिश्रा, प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग विज्ञान विशेषज्ञ रुचिता उपाध्याय आदि ने भी संबोधित किया।
इस दौरान डॉ. मोनिका प्रभाकर, डॉ. नवेद्य आर्यम, डॉ. मनीषा चौहान, डॉ. नवीनदास, डॉ. विकास दूबे, डॉ. सौरभ त्रिपाठी, डॉ. मनीष गुप्ता, डॉ. पूजा राय समेत कई अन्य आयुर्वेद व होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति के विशेषज्ञ मौजूद रहे।
हिन्दुस्थानसमाचार/रजनीकांत/रामानुज