साधु-संतों पर टिप्पणी को लेकर हंगामा: बालकनाथ की चेतावनी- घर से बाहर नहीं निकलने देंगे; श्रवण कुमार बाेले- दबने वाला नहीं हूं
-श्रवण कुमार के बयान को लेकर अनुदान मांगों पर बहस के दौरान हंगामा, विधानसभा की कार्यवाही तीन बार स्थगित
जयपुर, 25 जुलाई (हि.स.)। राजस्थान विधानसभा में गुरुवार काे कांग्रेस विधायक श्रवण कुमार द्वारा बुधवार काे साधु-संतों पर की गई टिप्पणी को लेकर जमकर हंगामा हुआ। विधायक बाबा बालकनाथ, संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल और मुख्य सचेतक जाेगेश्वर गर्ग समेत भारतीय जनता पार्टी के कई विधायकाें ने श्रवण कुमार से माफी मांगने को कहा। जमकर हुए हंगामे के बाद विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने श्रवण कुमार की टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से हटाने का आदेश दे दिया, लेकिन हंगामा नहीं थमा आैर सदन की कार्रवाई तीन बार स्थगित करनी पड़ी।
विधानसभा में आज ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के बाद सहकारिता, खाद्य सुरक्षा विभाग की अनुदान मांगाें पर चर्चा शुरु करने से पहले सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कांग्रेस विधायक श्रवण कुमार द्वारा बुधवार काे साधु संतों के अपमान किए जाने का मामला उठाते हुए कहा कि बुधवार को पशुपालन, देवस्थान विभाग से संबंधित अनुदान मांगों पर बहस के दौरान विधायक ने भारतीय परंपरा और संस्कृति पर अनर्गल टिप्पणी की। प्रतिपक्ष ने सनातन धर्म का असम्मान करने की आदत बना ली है। उसी का उदाहरण कल पेश हुआ जब अनुदान मांगों पर बहस के दौरान सूरतगढ़ से आने वाले विधायक श्रवण कुमार ने साधु संतों पर आपत्तिजनक टिप्पणी की, उससे हम आहत हुए हैं। हम यह कदापि स्वीकार नहीं करेंगे। मैं आसान से गुजारिश करता हूं कि वह श्रवण कुमार से माफी मंगवाएं। इस पर कांग्रेस की वरिष्ठ विधायक राजेंद्र पारीक ने स्पीकर से कहा कि यह गंभीर विषय नहीं है। आपको आपत्ति है तो आप इस टिप्पणी काे विलाेपित करवा सकते हैं। सदन में ऐसा कई बार देखने को आया है कि उत्तेजना भरे शब्द दोनों पक्षों के सदस्याें द्वारा निकल जाते हैं। पहले भी ऐसे शब्दों को विलोपित किया गया है। गतिरोध बनते रहे हैं लेकिन यह आसन का अधिकार है कि वह इसे विलाेपित करवा सकता है। उन्होंने कहा कि विधायक ने किसी व्यक्तिगत का नाम लेकर उल्लेख नहीं किया है, यदि ऐसा होता तो हम माफी मांगने को तैयार हैं।
इस पर संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि ये गंभीर टिप्पणी है, इसके बावजूद भी सदस्य का यह कहना है कि मैं ऐसा क्या कह दिया। अमर्यादित टिप्पणी करना सदन में शोभा नहीं देता है। सदस्य अपनी गलती नहीं मानते हैं तो उन्हें माफी मांगनी पड़ेगी। उन्हें सदन में रहने का अधिकार नहीं है। विधानसभा अध्यक्ष उन्हें निलंबित करें। इस पर विधायक बालक नाथ भी खडे हाे गए और कहने लगे कि यह मुझे निजी रूप से कहते तो मैं निपट लेता, लेकिन मेरे धर्म और परंपराओं, संत समाज का अपमान करें मैं यह स्वीकार नहीं करूंगा।इसके बाद दाेनाें पक्षाें के विधायक अपनी अपनी सीटाें पर खडे हाे गए आैर हाे हल्ला करने लगे। भाजपा विधायक श्रवण कुमार से माफी मांगने की मांग करने लगे। श्रवण कमुार ने कहा कि मैंने ऐसा क्या कह दिया। इसके बाद भाजपा के कई विधायक भी जोर जोर से बोलने ने लगे।हंगामा बढता देख स्पीकर वासुदेव देवनानी ने श्रवण कुमार के साधु संताें से संबंधित बयान को सदन की कार्यवाही से निकालने के आदेश दिए। स्पीकर ने श्रवण कुमार को आगे से सदन में किसी को आहत करने वाला कमेंट नहीं करने को कहा। स्पीकर के फैसले के बाद भी चीफ व्हीप जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि श्रवण कुमार को माफी मांगनी चाहिए। सदन में जमकर हंगामा होने लगा। हंगामा बढ़ता देख स्पीकर ने 15 मिनट के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी।
पंद्रह मिनट बाद सदन की कार्यवाही फिर से शुरु हाेने के करीब आधे घंटे बाद एक बार फिर भाजपा विधायक बाबा बालकनाथ और कांग्रेस विधायक श्रवण कुमार के बीच नोकझोंक शुरु हो गई। श्रवण कुमार जब सहकारिता विभाग की अनुदान मांगों पर बोल रहे थे, तब महंत बालकनाथ ने कहा कि आप अपने बयान पर स्थिति स्पष्ट कीजिए, अन्यथा बोलने नहीं देंगे। महंत बालकनाथ ने चेतावनी देते हुए कहा कि आप यदि माफी नहीं मांगेगे मैं आपकाे घर से बाहर नहीं निकलने दूंगा। आपकी विधानसभा से लेकर घर तक पूरे संत समाज को इकट्ठा करना मेरा काम है। ये बताएं कल जो बोला था कि साधु संतों ने देश का भट्टा बैठाया इस पर स्थिति स्पष्ट करें, ये उस पर कायम हैं या इन्हें खेद है, इस पर स्थिति साफ करें। आप स्पष्टीकरण दीजिए आप क्या मानते हैं। इस पर श्रवण कुमार ने कहा कि ये कह रहे हैं कि जीने नहीं दूंगा, तो बता दूं मैं जीना पसंद भी नहीं करता हूं। मरना पसंद करते हैं, झुकना पसंद नहीं करते। इस तरह दादागीरी से दबने वाला नहीं हूं, मैं अध्यक्ष की व्यवस्था मानता हूं।
सभापति संदीप शर्मा ने मामले काे शांत कराने का प्रयास करते हुए कहा कि अध्यक्ष व्यवस्था दे चुके। इसके बाद भाजपा विधायक बालकनाथ, प्रताप पुरी और बालमुकंदाचार्य वेल में आ गए। हंगामा बढ़ता देख सभापति ने आधा घंटे तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। आधा घंटे बाद सदन फिर शुरू हुआ तो तीसरी बार सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
हिन्दुस्थान समाचार / संदीप / ईश्वर