सत्तर वर्षीय मरीज को बिना सर्जरी लगाया नया कार्डियक वाल्व
जयपुर, 30 दिसंबर (हि.स.)। जयपुर के एक निजी अस्पताल में रामेश्वर नाम के लगभग सत्तर वर्षीय मरीज को गंभीर सांस की तकलीफ के साथ भर्ती किया गया। जांच के दौरान पता चला कि मरीज को दिल के एक महत्वपूर्ण वाल्व में अत्यधिक संकीर्णता थी। इसके साथ ही दिल की पंपिंग क्षमता भी अत्यंत कम पाई गई।
ऐसे मामलों में मरीज की जान बचाने का सर्वोत्तम और एकमात्र इलाज महाधमनी वाल्व प्रतिस्थापन होता है। लेकिन पारंपरिक रूप से यह प्रक्रिया ओपन हार्ट सर्जरी के माध्यम से की जाती है। मरीज की अधिक आयु के साथ-साथ — कमजोर हृदय क्षमता, कम फेफड़ों की क्षमता, मोटापा और अन्य जटिलताओं के कारण ओपन हार्ट सर्जरी अत्यधिक जोखिमपूर्ण थी, जिसके चलते सर्जरी करना मुश्किल हो रहा था।
ऐसे जटिल और उच्च-जोखिम वाले केस को ध्यान में रखते हुए कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. हिमांशु गुप्ता ने मरीज का इलाज बिना सर्जरी वाली अत्याधुनिक तकनीक ट्रांसकैथेटर महाधमनी वाल्व प्रत्यारोपण के माध्यम से किया। इस प्रक्रिया में बिना कट,बिना ओपन हार्ट सर्जरी,बिना वेंटिलेटर की आवश्यकता,मरीज को नया हृदय वाल्व सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित किया गया।
इस उपलब्धि पर डॉ. हिमांशु गुप्ता, कार्डियोलॉजिस्ट, मणिपाल हॉस्पिटल जयपुर ने कहा कि ट्रांसकैथेटर महाधमनी वाल्व प्रत्यारोपण उन उच्च जोखिम वाले मरीजों के लिए एक वरदान है जिनके लिए ओपन हार्ट सर्जरी सुरक्षित नहीं होती। इस तकनीक से हम बिना सर्जरी के दिल का नया वाल्व लगा सकते हैं और मरीज बहुत कम समय में स्वस्थ हो जाता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश