विलम्ब हुआ, लेकिन नौ दिन की कसर आठ दिन में पूरी कर दूंगा : जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज

 


बीकानेर, 20 नवंबर (हि.स.)। छोटी काशी बीकानेर का अहोभाग्य की 24 घंटे विलम्ब से ही लेकिन साक्षात प्रभु के दर्शन हजारों श्रद्धालुओं ने किए। पद्मविभूषित तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु श्रीरामभद्राचार्य महाराज के बीकानेर में आगमन के साथ ही हजारों श्रद्धालुओं दर्शन को उमड़े। सुजानदेसर गंगाशहर-भीनासर गौचर भूमि पर बसे सियारामनगर में आयोजित 108 कुंडीय श्रीरामचरित मानस महायज्ञ एवं जगद्गुरु श्रीरामभद्राचार्य महाराज के श्रीमुख से श्रीराम कथा के आयोजन ने बीकानेर को राममय बना दिया है।

रामझरोखा कैलाशधाम के पीठाधीश्वर सरजूदास महाराज ने बताया कि 108 कुंडीय श्रीरामचरित मानस महायज्ञ में 429 जोड़े आहुतियां दे रहे हैं। यज्ञाचार्य पं. जुगलकिशोर ओझा के आचार्यत्व में लगभग सुबह 8 से 12 बजे तक हवन अनुष्ठान जारी रहता है। सोमवार शाम करीब 5 बजे श्रीरामकथा की शुरुआत हुई। मुख्य यजमान अविनाश मोदी, अशोक मोदी, अनुज मोदी, अंशु सेठ, श्रीभगवान अग्रवाल, डॉ. रामदेव अग्रवाल, रेवंत राजपुरोहित, दिलीप पुरी, पवन अग्रवाल आदि ने जगद्गुरु श्रीरामभद्राचार्य महाराज का आशीर्वाद लेकर पादुका पूजन किया। महंत भगवानदास महाराज ने बताया कि पादुका पूजन का भी विशेष महत्व यह है कि यह पादुका विक्रम संवत 1364 की माघ शुक्ल पंचमी को जगत गुरु आद्य रामनंदाचार्यजी ने अपने चरणों में धारण की थी। इनकी पूजा स्वयं जगद्गुरु श्रीरामभद्रचार्य महाराज भी करते हैं। इसके बाद अरविन्द शर्मा, पवन अग्रवाल रेवाड़ी, मुकेश खंडेलवाल, अमित सुराना, अरविन्द सिंह, सीताराम भांभू, सुनीलम, प्रवीण जोशी, ईश्वर, मनीष खत्री, हीरालाल गहलोत, आनन्द पडि़हार, अंजना खत्री, अनुराधा अरोड़ा, वैंकटेश्वर राव, शांतिलाल, सुभाष मित्तल, मनमोहन गाडोदिया, मंजू मित्तल, बिंदू गाडोदिया ने जगद्गुरु सहित सभी संत-महात्माओं का माल्यार्पण कर अभिनंदन किया।

पद्मविभूषित तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज ने अपने उद्बोधन में कहा कि- बीकानेरवासियों, माता-बहनों, भ्राताओं, मित्रों को तुलसी पीठ के पीठाधीश्वर पद्मविभूषित जगद्गुरु श्रीरामभद्राचार्य महाराज एवं आचार्य रामचंद्रदास की ओर से सभी को जयश्रीराम, जयश्रीराम, सब लोगों को मेरी ओर से राम राम। जगद्गुरु ने कहा कि आने में विलम्ब जरूर हुआ है, लेकिन नौ दिन की कसर आठ दिन में पूरी कर दूंगा। ऋग्वेद से लेकर हनुमान चालीसा तक कोई जिज्ञासा हो तो उसका समाधान करुंगा। केवल रामचरित मानस ऐसा ग्रंथ है जिसका नाम स्वयं महाकालेश्वर शंकर भगवान ने रखा है। जगद्गुरु ने कहा कि उन्होंने 1378 कथाएं रामायण पर सुना चुके हैं तथा 1256 कथाएं भागवत पर कह दी हैं।

जगद्गुरु श्रीरामभद्राचार्य ने कहा कि शिवजी ने रामजी के आठ चरित्र कहे- 1- निगुण से सगुण होना, 2- रामावतार, 3- बालखेल, 4- सीताराम विवाह, 5- वनवास, 6- वन में चरित्र, 7- रावण वध और 8वां चरित्र राज्यलीला बताया। आठ चरित्र के साथ ही नाम भी आठ अक्षरों का रामचरित मानस रखा। हम दिन में भी रामजी की सेवा कर सकें और रात में भी रामजी की सेवा कर सकें इसलिए यह हमारी अष्टयाम सेवा है।

हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/ईश्वर