जयपुर में मंदिरों में विशेष इंतजाम: देव दर्शन से होगा साल का आगाज
जयपुर, 31 दिसंबर (हि.स.)। राजधानी जयपुर में नव वर्ष के पहले दिन यानी 1 जनवरी को जयपुर के आराध्य देव गोविंद देव जी के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के उमड़ने की संभावना है। मान्यता है कि नए साल की शुरुआत देव दर्शन से करने से शुभता मिलती है। भक्तों की सुविधा को देखते हुए मंदिर प्रबंधन ने देवउठनी एकादशी जैसी दर्शन व्यवस्था की तैयारी की है। इसी तरह मोती डूंगरी गणेश मंदिर में गणेश चतुर्थी जैसी व्यवस्था रहेगी। नई उम्मीद के साथ नए वर्ष 2026 का गुरुवार को आगाज होगा। नया साल सभी के जीवन में खुशियां लाए,हर दिल में उल्लास हो और पुराने दुख पीछे छूटे। इसी कामना के साथ जयपुरवासी आराध्य गोविंद देव जी, मोती डूंगरी गणेश मंदिर, ताड़केश्वर महादेव समेत विभिन्न मंदिरों में पहुंचेंगे और भगवान से मंगल कामना करेंगे। ऐसे में जयपुर के प्रमुख मंदिरों में देव दर्शन की विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं।
गोविंद देवजी मंदिर के मुख्य सेवादार मानस गोस्वामी ने बताया कि 2026 के पहले दिन देवउठनी एकादशी और दीपावली की तर्ज पर दर्शन व्यवस्था लागू रहेगी। विभिन्न झांकियों के दर्शन समय में वृद्धि की गई है। नए वर्ष के पहले दिन ठाकुरजी लगभग 8 घंटे 45 मिनट तक भक्तों को दर्शन देंगे। श्रद्धालुओं की संख्या अधिक होने पर प्रत्येक झांकी में 15 से 30 मिनट तक अतिरिक्त समय भी बढ़ाया जा सकता है। विशेष रूप से मंगला झांकी दो घंटे से अधिक समय तक रहेगी।
गोविंद देवजी मंदिर में झांकी और दर्शन का समय
मंगला झांकी: सुबह 04:00 से 06:30 बजे (2 घंटे 30 मिनट)
धूप झांकी: सुबह 07:00 से 08:45 बजे (1 घंटा 45 मिनट)
श्रृंगार झांकी: सुबह 09:30 से 10:15 बजे (45 मिनट)
राजभोग झांकी: सुबह 10:45 से 11:45 बजे (1 घंटा)
ग्वाल झांकी: शाम 04:45 से 05:15 बजे (30 मिनट)
संध्या झांकी: शाम 05:45 से 07:15 बजे (1 घंटा 30 मिनट)
शयन झांकी: रात 07:45 से 08:30 बजे (45 मिनट)
उन्होंने बताया कि दर्शनार्थियों का प्रवेश केवल मंदिर के मुख्य द्वार से होगा। जय निवास बाग से प्रवेश पूरी तरह निषेध रहेगा। मंदिर परिसर में जूता-चप्पल खोलने की व्यवस्था नहीं होगी। दर्शन के बाद श्रद्धालु बड़ी परिक्रमा करते हुए मुख्य द्वार से बाहर निकलेंगे। कंवर नगर और ब्रह्मपुरी की ओर से आने वाले श्रद्धालु जय निवास उद्यान-जनता मार्केट मार्ग से प्रवेश कर दर्शन के बाद श्री चिंताहरण हनुमान जी की ओर से निकास कर सकेंगे।
मोती डूंगरी गणेश मंदिर में भगवान के दर्शन की पूरी व्यवस्था गणेश चतुर्थी की तरह रहेगी। मंदिर महंत कैलाश शर्मा ने बताया कि यहां प्रवेश के लिए 7 लाइनें और निकासी के लिए 8 लाइनें रहेंगी। सुबह 5 बजे मंगला आरती से दर्शन शुरू होंगे और रात 9 बजे शयन आरती होगी। इस दौरान भगवान गणेश का विशेष और मनमोहक श्रृंगार, आकर्षक पोशाक और विभिन्न व्यंजनों का भोग भक्तों के आकर्षण का केंद्र रहेगा।
1 जनवरी 2026 को ब्रह्मपुरी माउंट रोड स्थित दाहिनी सूंड दक्षिण मुखी श्री नहर के गणेश जी महाराज के मंदिर में सुबह 7:15 बजे से रात्रि 10 बजे तक दर्शन होंगे। युवाचार्य पं. मानव शर्मा ने बताया कि बालभोग और नियमित आरती के साथ मंदिर खुलेगा। मंदिर महंत पं. जय शर्मा की ओर से गणपति को विशेष पोशाक और साफा धारण करवाकर पूजा-अर्चना की जाएगी। इस अवसर पर प्रदेश और देश की मंगल कामना के साथ श्रद्धालुओं को विघ्न निवारक और सुख-समृद्धि दायक रक्षा सूत्र भी वितरित किए जाएंगे। इनके अलावा नववर्ष के अवसर पर राधादामोदरजी मंदिर,गोपीनाथ मंदिर, इस्कॉन मंदिर, खोल के हनुमानजी और जगतपुरा स्थित कृष्ण बलराम मंदिर में भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है। इसके लिए पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा और यातायात की माकूल व्यवस्था की जाएगी।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश