उल्लू को बचाने के लिए वन्य जीव प्रेमी ने किया रेस्क्यू, 50 फीट की ऊंचाई पर खुले तारों के बीच चाइनीज़ मांझे से मुक्त करवाया

 




चित्तौड़गढ़, 21 दिसंबर (हि.स.)। शहर में दुर्ग मार्ग पर चाइनीज़ मांझे में फंसे उल्लू का रेस्क्यू वन्य जीवों की सुरक्षा की प्रतिबद्धता देखने को मिली है। उल्लू को सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए ऊंचाई पर खतरों के बीच दो विभागों के अलावा वन्य जीव प्रेमी भी पहुंचे। यहां नगर परिषद के लोडर को मंगवा कर करीब 50 फीट की ऊंचाई पर चढ़ कर वन्य जीव प्रेमी ने उल्लू के चारों तरफ लिपटे धागे को काटा। बाद में बन विभाग के सहयोग से बॉर्न आउल प्रजाति के दुर्लभ उल्लू को रेस्क्यू कर पुनः जंगल में छोड़ दिया गया। इस रेस्क्यू को देख कर शहर के लोगों ने भी दांतों तले उंगली दबा ली। साथ ही वन विभाग, विद्युत निगम और वन्य जीव प्रेमियों की प्रशंसा की।

वन्य जीव प्रेमी मनीष तिवारी ने बताया कि शहर में दुर्ग मार्ग स्थित विद्युत निगम कार्यालय के बाहर एक बार्न आउल लटका हुआ था। यहां करीब 50 फीट ऊंचे पेड़ पर चाइनीज धागे में बुरी तरह उलझा होकर पंख फड़फड़ा रहा था। तेज धार वाले इस धागे ने उल्लू के पूरे शरीर को जकड़ रखा था। ऊपर से पेड़ के आसपास बिजली के खुले तार लटक रहे थे। क्षेत्र के लोगों ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए वन विभाग को सूचना दी। इस दौरान विद्युत निगम के कर्मचारी भी मौजूद थे। सूचना पर वन विभाग और वन्य जीव प्रेमी की रेस्क्यू टीम के मुबारिक खान और पीयूष कांबले मौके पर पहुंचे। मौके पर पहुंच कर देखा तो विद्युत निगम और फायर डिपार्टमेंट की भी आवश्यकता महसूस हुई। दोनों विभाग को सूचित कर फायर डिपार्टमेंट से ऑटोमैटिक लोडर मंगवाया। बिजली विभाग को सूचित कर पूरे क्षेत्र की बिजली सप्लाई बंद करवाई गई। इससे रेस्क्यू ऑपरेशन सुरक्षित हो सके। वन्य जीव प्रेमी मुबारिक खान ने लोडर पर चढ़ कर बिजली तारों और ऊंचाई के बीच संतुलन बनाते हुए बेहद सूझबूझ से धागा काटा। नीचे टीम ने जाल बिछा कर सुरक्षा घेरा बनाया। मुबारिक ने ऊंचाई पर जैसे ही धागा काटा तो उल्लू नीचे की ओर गिरने लगा। तब वन्य जीव प्रेमी पीयूष कांबले ने बिजली जैसी फुर्ती दिखाते हुए बिना किसी चोट के सुरक्षित उल्लू को पकड़ लिया। उसके शरीर पर कई जगह लिपटे धागों को सावधानी से हटाया गया। मौके पर मौजूद लोगों ने राहत की सांस ली। मुख्य मार्ग होने के अलावा आबादी क्षेत्र होने से रेस्क्यू ऑपरेशन को देखने के लिए भीड़ लग गई। वन्य जीव प्रेमी मनीष तिवारी ने बताया कि वन विभाग के सहयोग से उल्लू के स्वास्थ्य का निरीक्षण किया गया। फिर इस उल्लू को जंगल में सुरक्षित छोड दिया गया। कुछ ही पलों में उल्लू ने स्वतंत्र उड़ान भर ली।संयुक्त रेस्क्यू ऑपरेशन न केवल साहस और टीम वर्क की मिसाल बना, बल्कि यह संदेश भी दे गया कि चाइनीज धागा केवल इंसानों के लिए नहीं, बेजुबान पक्षियों के लिए भी जान लेवा है।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / अखिल