मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में ‘कर्मभूमि से मातृभूमि अभियान’ बना जल संरक्षण का जन आंदोलन

 


जयपुर, 22 दिसंबर (हि.स.)। प्रदेश में वर्तमान सरकार के दो वर्षों के कार्यकाल में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के कुशल, दूरदर्शी एवं संवेदनशील नेतृत्व में जल संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए जन-जागरूकता के लिए लगातार ठोस कदम उठाए गए हैं। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘कैच द रैन‘ अभियान से प्रेरित ‘कर्मभूमि से मातृभूमि‘ अभियान ने प्रदेश में जल संरक्षण को जन आंदोलन का स्वरूप प्रदान किया है।

राजस्थान में इस महत्वाकांक्षी अभियान की शुरुआत 15 जनवरी, 2025 को जयपुर के सांगानेर क्षेत्र से हुई। यहां से केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल ने प्रवासी राजस्थानियों और प्रदेशवासियों से जल संरक्षण कार्यों में सक्रिय सहभागिता का आह्वान किया था।अभियान में जन आंदोलन का ही सफल परिणाम है कि प्रवासी राजस्थानियों के सहयोग से 15 हजार से अधिक भू-जल रिचार्ज एवं जल संरक्षण से संबंधित कार्य किए जा चुके हैं। इनमें रिचार्ज शाफ्ट, रिचार्ज पिट, अकार्यशील नलकूपों एवं हैण्डपंपों का पुनः उपयोग, कुओं द्वारा भूजल पुनर्भरण तथा रूफटॉप रेन वॉटर हार्वेस्टिंग जैसी संरचनाएं प्रमुख हैं। इस अभियान के तहत प्रदेश में आगामी 4 वर्षों में 45 हजार से अधिक जल संरक्षण संरचनाओं के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अभियान में वर्षा जल संचयन के माध्यम से प्रदेश में भू-जल स्तर में हो रही गिरावट को प्रभावी रूप से रोका जा रहा है।

कर्मभूमि से मातृभूमि‘ के साथ-साथ ‘जल संचय जनभागीदारी- (कैच द रैन) 1.0 के अंतर्गत राज्य में 3 लाख 64 हजार 968 जल संरक्षण कार्य सफलतापूर्वक पूर्ण किए जा चुके हैं। यह आमजन के सहभागिता, प्रशासनिक समन्वय और जनप्रतिनिधियों के निरंतर प्रयासों का उत्कृष्ट उदाहरण है। राज्य सरकार द्वारा प्रवासी राजस्थानियों और आमजन से निरंतर सम्पर्क कर उन्हें मातृभूमि से जोड़ने के प्रभावी प्रयास किए जा रहे हैं।

राज्य सरकार द्वारा अभियान में व्यापक जन भागीदारी के सफल परिणामों को देखते हुए आगामी 4 वर्ष में प्रदेश के सभी 41 जिलों की 11 हजार 195 ग्राम पंचायतों में 45 हजार जल संरक्षण संरचनाओं के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। अब तक ग्राम विकास अधिकारियों द्वारा ई पंचायत मोबाइल ऐप के माध्यम से 43 हजार 100 रिचार्ज स्थलों का चयन किया गया है। जल संरक्षण के यह कार्य अगले 4 वर्षों में भामाशाहों, प्रवासी राजस्थानियों, क्राउड फंडिंग तथा सीएसआर फंड के माध्यम से किए जाएंगे।

प्रदेश में जल संरक्षण क्षेत्र में हुए उल्लेखनीय प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया है। उत्कृष्ट जल संरक्षण कार्यों के लिए 18 नवम्बर, 2025 को राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू द्वारा राजस्थान को राष्ट्रीय स्तर पर तृतीय स्थान प्राप्त करने पर पुरस्कृत किया गया। इसके साथ ही, भीलवाड़ा एवं बाड़मेर को जल संरक्षण एवं जल संचयन में नवाचार, भू-जल पुनर्भरण के प्रभावी प्रयासों तथा जन सहभागिता आधारित मॉडल के लिए राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार दिए गए हैं।

राज्य सरकार द्वारा 5 जून, 2025 से प्रदेशव्यापी ‘वंदे गंगा‘ जल संरक्षण जन अभियान चलाया गया। इसमें जलाशयों की मरम्मत एवं सफाई, जल प्रवाह क्षेत्रों से अतिक्रमण हटाने, बांध क्षेत्रों में श्रमदान, व्यापक पौधरोपण, जल संग्रहण एवं जल संरक्षण संरचनाओं के निर्माण कार्य बड़ी संख्या में कराए गए हैं।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / राजीव