शादी की जात देने के बाद गांव जाना चाहते थे, रास्ता भटक गए और कार में जिंदा जल गए
सीकर, 15 अप्रैल (हि.स.)। जीण माता मंदिर के दर्शन कर रविवार को लौट रहा परिवार अपने पैतृक गांव जाना चाहता था। लेकिन, यह परिवार रास्ता भटक गया था। इसी दौरान चूरू-सालासर स्टेट हाईवे पर उनकी कार पीछे से ट्रक में जा घुसी। कार में आग लग गई और दाे बच्चियों समेत सात लोग जिंदा जल गए। हादसे में मेरठ (उत्तरप्रदेश) निवासी हार्दिक बिंदल, उनकी पत्नी स्वाति, मां मंजू और बेटी सिदीक्षा व रिदीक्षा की मौत हो गई। मौसी नीलम गोयल और मौसेरे भाई आशुतोष गोयल की भी जान चली गई।
हार्दिक के चचेरे भाई शुभम बिंदल ने बताया कि रविवार सुबह इन्होंने जीण माता के दर्शन किए थे। एक्सीडेंट से एक घंटे पहले (दोपहर करीब डेढ बजे) मेरे मोबाइल पर हार्दिक का कॉल आया था। वह बोला- हम पैतृक गांव भातवाड़ी जाना चाहते हैं। उसकी लोकेशन क्या है? मैंने हार्दिक को गांव का रास्ता बताया और गूगल लोकेशन भी भेज दी थी। हार्दिक के मामा सत्य प्रकाश अग्रवाल मेरठ कैंट से चार बार भाजपा से विधायक रहे हैं।
जब मेरठ से निकले, तब गांव जाने का नहीं था कार्यक्रम
शुभम ने बताया- तय कार्यक्रम के अनुसार इन लोगों को जीण माता मंदिर से रानी सती मंदिर (झुंझुनूं) जाना था। इसके लिए फतेहपुर जाने की जरूरत नहीं थी। वहां से सीकर होते हुए झुंझुनूं का सीधा रास्ता है। मेरठ से निकलते समय इनका अपने गांव भातवाड़ी जाने का भी कोई प्रोग्राम नहीं था। शायद अचानक गांव जाने का कार्यक्रम बना होगा। अगर गांव जाना था तो इन्हें खंडेला होते हुए रास्ता लेना था। इसके चलते ये रास्ता भटक गए और फतेहपुर पहुंच गए। परिवार के सदस्यों को यह भी नहीं मालूम कि ये गांव या सालासर गए या नहीं।
शादी की जात देने आए थे
शुभम बिंदल ने बताया- ये मेरठ से शनिवार सुबह 11 बजे कार से निकले थे। कार मौसेरे भाई आशुतोष गोयल की थी। रात को जीण माता में ही रुके और रविवार सुबह दर्शन किए। इसके बाद सालासर (चूरू) के पास मालासी भैरू के दर्शन किए। वहां से रानी सती मंदिर जाने के लिए निकले थे।
शुभम ने बताया- परिवार मूलत: सीकर जिले के ही भातवाड़ी गांव का रहने वाला था। करीब छह दशक से उत्तर प्रदेश के मेरठ स्थित शिव शंकरपुरी के ब्रह्मपुरी में रह रहा था। हार्दिक की आठ साल पहले शादी हुई थी। तभी मन्नत मांगी थी कि बेटा-बहू, दोनों जीण माता की जात देने राजस्थान जाएंगे। तब से कुछ न कुछ होता रहा। वे माता के दर्शन को जा नहीं पाए। इस बीच, दो बेटियां भी हो गईं। अब शादी की जात देने के लिए राजस्थान में जीण माता मंदिर गए थे।
हार्दिक के परिवार में कोई नहीं बचा
हार्दिक और आशुतोष ने साझेदारी में मेरठ में कपड़ों की दुकान कर रखी थी। हार्दिक का पूरा परिवार इस एक्सीडेंट में खत्म हो गया। आशुतोष के परिवार में अब उनके पिता मुकेश गोयल, पत्नी और तीन साल का बेटा बचा है। आशुतोष की पांच साल पहले शादी हुई थी। आशुतोष की एक बहन है, जिसकी शादी हो चुकी है। हार्दिक के पिता नरेंद्र बिंदल की पांच साल पहले मृत्यु हो चुकी है। हार्दिक की दो छोटी बहनें सुगंध और महक हैं। सुगंध की हापुड़ और महक की सियाना में शादी हुई है। हार्दिक की बड़ी बेटी सिदीक्षा एलकेजी की छात्रा थी। छोटी बेटी रिदीक्षा का 10 दिन पहले ही स्कूल में एडमिशन करवाया था।
हार्दिक के ताऊ संत कुमार ने बताया कि हार्दिक की मौसी नीलम मेरठ के आरकेपुरम में रहती थी। मौसेरे भाई आशुतोष की कार से राजस्थान के निकले थे। कार कभी आशुतोष तो कभी हार्दिक चला रहा था।
चचेरे भाई शुभम ने बताया- फतेहपुर पहुंचने के बाद रिश्तेदारों ने जब शव देखे तो उन्हें पहचानना भी मुश्किल हो गया था। उन्हें देखते ही परिवार के सदस्य फफक-फफक कर रोने लगे। बड़ी मुश्किल से खुद को संभाला। वे बार-बार यही कहते रहे कि हार्दिक का परिवार बहुत ही मिलनसार था। छोटा-सा परिवार सभी से मिलजुल कर रहता था।
ट्रक से टकराने के बाद कार में लगी थी आग
हादसा रविवार दोपहर करीब ढाई बजे फतेहपुर चूरू-सालासर स्टेट हाईवे पर आशीर्वाद पुलिया पर चढ़ते ही 200 मीटर दूरी पर हुआ था। एक ट्रक को ओवरटेक करते समय कार उससे जा टकराई। कार में गैस किट लगा था। टक्कर होते ही कार ने आग पकड़ ली। अंदर बैठे परिवार के सदस्य कुछ समझ पाते, उससे पहले ही कार के गेट के लॉक जाम हो गए और वे बाहर नहीं निकल सके।
हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/संदीप