जवाहर कला केन्द्र के आंगन में गूंजे ध्रुवपद के स्वर

 


जयपुर, 5 अक्टूबर (हि.स.)। जवाहर कला केंद्र के आंगन में शनिवार शाम ध्रुवपद के सुरीले स्वर गूंज उठे। मौका रहा, दो दिवसीय जयपुर ध्रुवपद फेस्टिवल के आगाज का। राजस्थान कला, साहित्य, संस्कृति विभाग और जवाहर कला केंद्र की ओर से आयोजित 'जयपुर ध्रुवपद फेस्टिवल' की शुरुआत में ध्रुवपद गायन और सुर बहार वादन के सुरों ने श्रोताओं के बीच अपना जादू चलाया। कार्यक्रम में डागर घराने के शिष्य ध्रुवपद गायक रहमान हरफन मौला का मेडिटेशन पर आधारित ध्रुवपद गायन हुआ। रहमान ने राग यमन को अपनी प्रस्तुति का माध्यम बनाते हुए इसमें राग के विस्तार को आलाप के जरिए बखूबी पेश किया। उन्होंने ध्रुवपद गायिकी में गमक का भी प्रदर्शन किया। उनके साथ सारंगी पर साबरी खान और तानपुरे पर अभिलाषा भारतीय ने संगत की।

कार्यक्रम के दूसरे चरण में संगीत विदुषी ध्रुवपद गायिका सुनीता अवनि अमीन का ध्रुवपद गायन हुआ। उस्ताद ज़िया फरीदुद्दीन खान डागर की शिष्या सुनीता ने राग भोपाली को अपनी गायिकी में ढाला। उन्होंने ध्रुवपद गायन के दौरान डागर घराने की विशेषताओं को अपनी प्रस्तुति का माध्यम बनाया। उनके साथ पखावज पर पं.संजय आग्ले ने संधि हुई संगत की। अंत में महाराष्ट्र के दिग्गज कलाकार पंडित पुष्पराज कोष्टी और भूषण कोष्टी के सुरबहार वादन ने श्रोताओं को अपने रंग में रंग लिया। उन्होंने राग मेघ के जरिए लय ताल का बेजोड़ प्रदर्शन किया। उनके साथ पखावज पर पं.संजय आग्ले ने संगत की। कार्यक्रम का संचालन सालेहा गाजी ने किया।

इससे पूर्व 'जयपुर ध्रुवपद फेस्टिवल' के तहत संवाद प्रवाह कार्यक्रम में सुरबहार वादक डॉ.अश्विन दलवी, वरिष्ठ कथक नृत्यांगना प्रेरणा श्रीमाली और पद्मश्री उस्ताद मोईनउद्दीन खां ने 'ध्रुवपद गायकी और भारतीय संगीत' विषय पर परिचर्चा में भाग लिया। वरिष्ठ संस्कृतिकर्मी और आर्ट क्रिटिक इक़बाल खान ने मॉडरेशन किया। चर्चा में जयपुर के शास्त्रीय विधा के घरानों के सौंदर्य और विशेषताओं पर प्रकाश डाला गया। इसी के साथ शास्त्रीय संगीत में गुरुओं की महिमा का बखान किया गया।

फेस्टिवल के दूसरे दिन संवाद प्रवाह में प्रो.वंदना कल्ला, कला समीक्षक डॉ.राजेश व्यास और मांड गायक पं.हनुमान सहाय ध्रुवपद गायकी और भारतीय संगीत पर चर्चा करेंगे। इसी के साथ रविवार शाम को फैयाज वासिफुद्दीन खान डागर की शिष्या डॉ.गायत्री शर्मा का ध्रुवपद गायन होगा। इसके बाद डागर घराने की 20वीं पीढ़ी के कलाकार उस्ताद एस.नफीस उद्दीन खान डागर और उस्ताद एस.अनीस उद्दीन खान डागर का ध्रुवपद गायन होगा। डागर ब्रदर्स के नाम से मशहूर नफीस उद्दीन खान डागर और अनीस उद्दीन खान डागर अपने डागर घराने की दुर्लभ बंदिशों को प्रस्तुत करेंगे। उनके साथ पखावज पर प्रदेश के मशहूर पखावज वादक पं.प्रवीण कुमार आर्य संगत करेंगे। अंत में कर्नाटक की रुद्रवीणा वादक विदुषी ज्योति हेगड़े का रुद्रवीणा वादन होगा।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश