वाल्मीकि समाज ने क्रीमीलेयर लागू करने की मांग काे लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पक्ष में निकाली रैली

 




कराैली, 23 अगस्त (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमीलेयर लागू करने और वर्गीकरण के आदेश का वाल्मीकि समाज ने समर्थन किया है। समाज के लोगों ने शुक्रवार को करौली शहर में रैली निकालकर प्रदर्शन किया। रैली के रूप में कलेक्ट्रेट पहुंच कर राष्ट्रपति के नाम एडीएम को ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने ज्ञापन में राष्ट्रपति से एससी-एसटी आरक्षण में वर्गीकरण और क्रीमी लेयर को लागू करने की मांग की। इस दौरान वाल्मीकि समाज ने कहा कि सरकार को किसी भी प्रदर्शनकारी के दबाव में नहीं आना चाहिए और सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करना चाहिए।

वाल्मीकि समाज की रैली करौली के हिंडौन दरवाजा क्षेत्र से शुरू होकर चौधरी पाड़ा, फूटा कोट, बड़ा बाजार, वजीरपुर दरवाजा, पुरानी कलेक्ट्रेट सर्किल होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंची। इस दौरान वाल्मीकि समाज के युवा-बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं हाथों में तिरंगा थामें सुप्रीम कोर्ट जिंदाबाद के नारे लगाते चल रहे थे। वाल्मीकि समाज के अध्यक्ष ग्यारसा राम, मनोज, सूरज आदि ने बताया कि पिछले 78 सालों में एससी-एसटी आरक्षण का लाभ कुछ लोग ही उठा रहे हैं। यही कारण है कि पिछले 78 साल में वाल्मीकि समाज के बहुत कम लोग ही उच्च पदों तक पहुंच पाए हैं। इस दौरान उन्होंने कुछ परिवार और वर्ग विशेष पर ही आरक्षण का पूरा लाभ उठाने के भी आरोप लगाए हैं। वाल्मीकि समाज के लोगों ने 21 अगस्त को भारत बंद का आह्वान भी राजनीतिक और प्रशासनिक रूप से लाभ उठा ले रहे लोगों पर ही करने का आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछड़ी और अति पिछड़ी जातियां आरक्षण के लाभ से आज भी वंचित हैं। पिछड़ी और अति पिछड़ी जातियों को लाभ दिलाने के लिए वर्गीकरण और क्रीमी लेयर लागू करना आवश्यक है। एडीएम को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंप कर राष्ट्रपति से एससी एसटी आरक्षण में क्रीमीलेयर लागू करने आरक्षण का वर्गीकरण करने की मांग की है। इस दौरान उन्होंने कुछ अमीर और सक्षम लोगों पर पूरे आरक्षण का लाभ लेने और सरकार पर दबाव बनाने के लिए प्रदर्शन के भी आरोप लगाए हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित / ईश्वर