राज विस चुनाव : गहलोत सरकार ने अभी तक पुरानी घोषणा ही पूरी नहीं की : शेखावत

 


जयपुर, 27 अक्टूबर (हि.स.)। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सात गारंटियों को कांग्रेस के सात झूठ करार दिया। शेखावत ने कहा कि गहलोत सरकार ने अभी तक पुरानी घोषणा ही पूरी नहीं की। अब सरकार खोखली गारंटी दे रही है।

शुक्रवार को अपनी प्रतिक्रिया में केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि गहलोत सरकार ने चार साल पहले आठवीं, दसवीं और बारहवीं के मेधावी विद्यार्थियों को मुफ्त लैपटॉप देने की घोषणा की थी, वह घोषणा आज तक पूरी नहीं हुई। करीब 93 हजार विद्यार्थी आज भी लैपटॉप का इंतजार कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले भी चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में 25 लाख के बीमा कवर की बात कही है, लेकिन आज तक एक भी व्यक्ति को 25 लाख की चिकित्सा सहायता नहीं दी गई। यहां तक पांच लाख से अधिक का स्वास्थ्य बीमा कवर लेने वाले मरीज भी गिने चुने ही है। केन्द्र सरकार की दो योजनाएं आयुष्मान भारत और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना पहले से ही चल रही है। आयुष्मान में पांच लाख तक की चिकित्सा सुविधा और सुरक्षा बीमा योजना में दो लाख तक दुर्घटना सहायता दी जाती है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 में हर विद्यार्थी को प्राइमरी स्कूल तक अपनी मातृभाषा में ही पढ़ने की छूट दी गई है। जहां तक अभी चल रही अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की बात है, एक भी स्कूल में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ा हुआ शिक्षक नहीं है। हिंदी माध्यम से पढ़े शिक्षक ही जैसे तैसे इन बच्चों को पढ़ा रहे हैं। पिछले दिनों अंग्रजी स्कूलों के 125 शिक्षकों ने वापस हिंदी माध्यम स्कूलों में लगाने के लिए आवेदन कर दिया, क्योंकि वे अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाने में असमर्थ थे। इन स्कूलों में 58 प्रतिशत पद रिक्त हैं।

पुरानी पेंशन योजना की गारंटी पर उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने पुरानी पेंशन योजना की समीक्षा के लिए समिति गठित की है। राज्य सरकार ने इस योजना की घोषणा तो कर दी, लेकिन इसके क्रियान्वयन में खामी है। इस योजना को लागू करते समय जिस महिला कर्मचारी राजकुमारी जैन को ओपीएस का ब्रांड एम्बेसेडर बनाया गया था, उसे ही इसका लाभ नहीं मिला। यह महिला अनुदानित शिक्षण संस्था में वर्ष 1992 से कार्यरत थी। सरकार ने अनुदानित शिक्षण संस्थाओं के कर्मचारियों को समायोजित कर लिया। इस महिला को भी वर्ष 1992 के हिसाब से सारे लाभ दिए गए, लेकिन जब महिला वर्ष 2011 में रिटायर हुई तो इसे पुरानी पेंशन का लाभ नहीं दिया गया, जबकि उसकी नियुक्ति वर्ष 1992 था।

गोबर खरीदने की गारंटी पर उन्होंने कहा कि सरकार ने लंपी में गायों को अधिकतम चालीस हजार रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की थी, आज तक वही पूरी नहीं की गई। आज तक एक भी गोपालक को पूरे चालीस हजार रुपये नहीं दिए गए। दुधारू गायों के लिए प्रति किलो दूध के हिसाब से मुआवजा तय किया गया, जो अधिकतम पांच हजार से ज्यादा नहीं बैठता। सरकार खोखली गारंटी दे रही है।

हिन्दुस्थान समाचार/ ईश्वर/संदीप