दो दिवसीय राष्ट्रीय राजस्थानी परिसंवाद शुरू

 


जोधपुर, 28 मार्च (हि.स.)। जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के राजस्थानी विभाग एवं साहित्य अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय राष्ट्रीय राजस्थानी परिसंवाद का उद्घाटन समारोह आज सुबह केन्द्रीय कार्यालय स्थित बृहस्पति सभागार में आयोजित किया गया।

राष्ट्रीय राजस्थानी परिसंवाद के संयोजक डॉ. गजेसिंह राजपुरोहित ने बताया कि राजस्थानी भासा-साहित्य में भणाई: दसा अर दिसा विषयक परिसंवाद का उद्घाटन समारोह ख्यातनाम कवि-आलोचक प्रोफेसर (डॉ.) अर्जुनदेव चारण की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर प्रोफेसर (डॉ.) कल्याणसिंह शेखावत मुख्य वक्ता थे। परिसंवाद के विभिन्न तकनीकि सत्रों में मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय के राजस्थानी विभागाध्यक्ष डॉ. सुरेश कुमार सालवी एवं जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के राजस्थानी विभागाध्यक्ष डॉ. गजेसिंह राजपुरोहित की अध्यक्षता में डॉ. इन्द्रदान चारण, डॉ. रामरतन लटियाल, डॉ. जितेन्द्रसिंह साठिका, डॉ. अमित गहलोत ने आलोचनात्मक शोध पत्र प्रस्तुत किया। प्रथम परिसंवाद का समापन समारोह राजस्थानी भाषा के प्रतिष्ठित विद्वान डॉ. देव कोठारी के मुख्य आतिथ्य एवं राजस्थानी रचनाकार डॉ. प्रकाश अमरावत की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। परिसंवाद के पश्चात लेखक से मिलिए कार्यक्रम के अंतर्गत साहित्य अकादमी के सर्वोच्च पुरस्कार से पुरस्कृत राजस्थानी भाषा-साहित्य के प्रतिष्ठित कवि-आलोचक एवं निबंधकार डॉ. मंगत बादल ने अपनी साहित्य साधना एवं जीवन यात्रा पर बात की। कार्यक्रम में डॉ. बादल ने पाठकों के प्रश्नों के जवाब भी दिए। वहीं मध्यकालीन राजस्थानी साहित्य: इतिहास अर साहित्य का अंतरसंबंध विषयक द्वितीय राष्ट्रीय राजस्थानी परिसंवाद का आयोजन 29 मार्च को होगा।

हिन्दुस्थान समाचार/सतीश/ईश्वर