नाले में उफान आने से जंगल में फंसे पिकनिक मनाने गए पर्यटक, 15 घंटे बाद किया रेस्क्यू

 




चित्तौड़गढ़, 16 अगस्त (हि.स.)। प्रशासन की मनाही के बावजूद रावतभाटा के मंडेसरा क्षेत्र में पाड़ाझर झरने पर पिकनिक मनाने जाना पर्यटकों को भारी पड़ गया। अचानक नालों में उफान के चलते सभी पर्यटक अटक कर रह गए और रात जंगल में गुजारनी पड़ी। गुरुवार शाम को ही रेस्क्यू टीम पहुंच गई लेकिन पर्यटकों को निकालना संभव नहीं हो पाया। ऐसे में शुक्रवार को सुबह करीब 8 बजे से रेस्क्यू अभियान शुरू हुआ, जो दोपहर तक चला। सभी पर्यटकों के सुरक्षित निकल जाने से पुलिस एवं प्रशासन के साथ ही परिजनों ने भी राहत की सांस ली है।

जानकारी में सामने आया कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अवकाश था ऐसे में बड़ी संख्या में पर्यटक रावतभाटा क्षेत्र में मंडेसरा के निकट स्थित झरने पर पहुंचे थे। यहां लोग झरने की तरफ नीचे गए थे। बुधवार रात को एवं गुरुवार को हुई बरसात से नालों में उफान आ गया और रास्ते बंद हो गए। ऐसे में पर्यटक लोहारिया व चैनपुरा सड़क पर नाले को पार नहीं कर पाए। बताया गया कि चित्तौड़गढ़ एवं कोटा जिले से करीब 53 पर्यटक पिकनिक मनाने आए थे। नाले में इतना तेज उफान था कि वाहनों को निकालना संभव नहीं था। घंटों इंतजार के बाद शाम होने लगी तो मदद के लिए फोन किया गया। ऐसे में पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारी शाम को मौके पर पहुंचे। कोटा से रेस्क्यू टीम को भी बुलाया गया लेकिन उनकी भी गाड़ी शाम के समय कीचड़ में फंस गई थी। ऐसे में शाम को रेस्क्यू अभियान शुरू नहीं हो पाया। नालों का उफान भी कम नहीं हुआ था। यहां शुक्रवार सुबह करीब 8 बजे से रेस्क्यू अभियान शुरू हो पाया इस दौरान पुलिस एवं प्रशासन के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीम ने एक के बाद एक कर सभी पर्यटकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। इससे सभी ने राहत की सांस ली है।

गौरतलब है कि पाड़ाझर झरने पर आने वाले पर्यटकों का अचानक बहाव आ जाने से फसना आम बात है। पूर्व में भी तेज बहाव के कारण पर्यटक फंसे थे। ऐसे में प्रशासन बरसात के दौरान पर्यटकों को यहां आने पर नहीं आने की अपील करता है। इसके बावजूद लोग खतरा लेकर यहां पिकनिक मनाने आते हैं। पाड़ाझर में नहाने के दौरान हादसे भी हो चुके हैं फिर भी लोग सबक नहीं ले रहे हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / अखिल / संदीप