आफरी में गुजरात वन विभाग और किसानों के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू
जोधपुर, 14 फ़रवरी (हि.स.)। शुष्क वन अनुसंधान संस्थान (आफरी) जोधपुर की ओर से वन विज्ञान केन्द्र राजकोट के अंतर्गत गुजरात वन रेंजर कॉलेज राजपीपला में “मृदा एवं जल संरक्षण में वनों की भूमिका” विषय पर वन विभाग गुजरात के क्षेत्र पदाधिकारियों एवं किसानों के लिए तीन दिवसीय 14 से 16 फरवरी तक प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरूआत की गई।
उद्घाटन कार्यक्रम में गुजरात वन विभाग अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक एसके श्रीवास्तव, गुजरात वन प्रशिक्षण केंद्र प्राचार्य डॉ. सुनील बेरवाल और एमआर बालोच मौजूद थे। श्रीवास्तव ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में जल एवं मृदा की परिस्थितिकी प्रबंधन में महत्त्वपूर्ण भूमिका बताते हुए विभिन्न तकनीकों द्वारा शुष्क क्षेत्रों में पौधारोपण में सुधार के लिए उपयोगी बताया। कार्यक्रम अध्यक्ष बालोच ने मृदा एवं जल संरक्षण में आफरी द्वारा किए गए कार्यो के साथ उत्तम गुणवत्ता युक्त पौध सामग्री की विभिन्न मॉडल द्वारा प्राप्ति एवं आफरी द्वारा जारी किए गए शीशम क्लोन के साथ अन्य तकनीकों को विस्तारपूर्वक जानकारी दी। विशिष्ठ अतिथि ने प्रशिक्षणार्थियों के लिए मिल रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम को नवीन तकनीकों से परिचित होने का अवसर बताया। वैज्ञानिक-एफ एवं प्रभागाध्यक्ष डॉ. संगीता सिंह ने वन विज्ञान केन्द्र एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम का परिचय दिया।
कार्यक्रम में उप वन संरक्षक नीरज कुमार, मितेश पटेल उपस्थित रहे। संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन नोडल अधिकारी मुख्य तकनीकी अधिकारी डॉ. बिलास सिंह ने किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के तकनीकी सत्र में एम. आर. बालोच, डॉ. संगीता सिंह, डॉ. सुनील बेरवाल एवं डॉ. बिलास सिंह समेत अन्य विषय विशेषज्ञों द्वारा विभिन्न विषयों पर व्याख्यान दिए गए। कार्यक्रम में वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी अनिल सिंह चौहान एवं तकनीकी सहायक ओम प्रकाश का सहयोग रहा।
हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ईश्वर