तीन दिवसीय एशिया प्रशांत डाक लीडर फोरम की जयपुर में से शुरूआत

 


जयपुर, 19 मार्च (हि.स.)। जयपुर में 19-21 मार्च 2025 तक आयोजित होने वाले प्रथम एशिया प्रशांत डाक लीडर फोरम की शुरुआत हो गई। इसका उद्घाटन सचिव (डाक) वंदिता कौल ने किया। उन्होंने अपने संबोधन में वैश्विक डाक पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने में भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा कि डाक प्रशासनों को प्रौद्योगिकी का अधिकतम उपयोग कर लॉजिस्टिक क्षमताओं में सुधार करना चाहिए और अंतिम-मील कनेक्टिविटी को बढ़ाना चाहिए, जिससे समुदायों को बेहतर सेवाएं मिल सकें।

इस बैठक का उद्देश्य विचारों का आदान-प्रदान, सहयोग को बढ़ावा देना और डाक क्षेत्र में नए अवसरों की खोज करना है। भारत की मेजबानी क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करने और वैश्विक डाक नेटवर्क को विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस मंच पर एशिया प्रशांत क्षेत्र के शीर्ष डाक अधिकारी और हितधारक एक साथ आए हैं, ताकि डाक क्षेत्र के प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की जा सके और बेस्ट प्रैक्टिसेज को साझा किया जा सके।

उद्घाटन सत्र में एशियाई प्रशांत डाक संघ के महासचिव विनय प्रकाश सिंह ने क्षेत्र में डाक सेवाओं की भूमिका पर अपने विचार रखे। इसके अलावा, दक्षिण-दक्षिण और त्रिकोणीय सहयोग तथा भारत के संयुक्त राष्ट्र विकास कोष पर एक पैनल चर्चा हुई। भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग (आईटीईसी) कार्यक्रम पर भी एक सत्र आयोजित किया गया, जिसमें क्षमता निर्माण के महत्व को रेखांकित किया गया। इस कार्यक्रम ने दर्शकों की काफी रुचि अर्जित की, विशेष रूप से डाक सेवाओं सहित विभिन्न क्षेत्रों के पेशेवरों के लिए कौशल विकास के अवसरों के संदर्भ में।

दिन का समापन वित्तीय समावेशन और वंचित समुदायों तक वित्तीय सेवाओं की पहुंच में डाक सेवाओं की भूमिका पर चर्चा के साथ हुआ। आगामी सत्रों में डिजिटल युग में डाक सेवाओं की उभरती भूमिका, वित्तीय समावेशन को बढ़ाने, डाक नेटवर्क को सशक्त करने और ई-कॉमर्स क्षमताओं के विस्तार पर चर्चा की जाएगी। साथ ही, ड्रोन डिलीवरी और अन्य उन्नत तकनीकों की संभावनाओं का आकलन किया जाएगा, जिससे डाक सेवाओं को अधिक कुशल बनाया जा सके।

आने वाले दो दिनों में सीमा पार ई-कॉमर्स के समर्थन और संवर्धन पर चर्चा होगी। मध्य-मील और अंतिम-मील वितरण के अभिनव समाधानों, जैसे ड्रोन, इंटरऑपरेबल ट्रांसपोर्ट सिस्टम और हवाई परिवहन के एकीकरण पर भी विचार किया जाएगा। भारतीय डाक के आईटी आधुनिकीकरण प्रयासों, विशेष रूप से डिजिटल एड्रेस कोड की शुरुआत पर एक विशेष सत्र होगा।

इसके अलावा, ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में सरकारी और सामाजिक सेवाओं की डिलीवरी में डाकघरों की भूमिका पर भी चर्चा की जाएगी। प्रतिभागी डाक नेटवर्क के माध्यम से डिजिटल सेवाओं का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त करने के लिए ग्रामीण क्षेत्र का दौरा करेंगे और डाक मेला/डाक पंचायत का भी अवलोकन करेंगे, जिससे यह समझने का अवसर मिलेगा कि डाक सेवाएं ग्रामीण समुदायों को कैसे सशक्त बना रही हैं और आवश्यक सेवाओं तक पहुंच को कैसे सुधार रही हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश