अजमेर उत्तर में त्रिकोणीय जंग ने बढ़ा दी भाजपा की मुश्किल, कांग्रेस भाग्य के भरोसे

 


सन्तोष गुप्ता

अजमेर, 20 नवम्बर(हि.स.)। अजमेर जिले की आठ विधानसभा सीटों में से एक अजमेर उत्तर सीट सर्वाधिक हॉट सीट हो गई है। चार बार के विधायक रहते दो बार भाजपा सरकार में मंत्री रहे 75 वर्षीय वासुदेव देवनानी को लगातार पांचवीं बार मैदान में हैं। कांग्रेस ने इस बार लगातार दूसरी बार महेन्द्रसिंह रलावता को प्रत्याशी बनाया है। पिछला चुनाव (2018) कांग्रेस के महेन्द्र रलावता भाजपा के वासुदेव देवनानी से तकरीबन आठ हजार मतों से हारे थे। इस बार भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर में भाजपा एवं राष्ट्रवादी विचारधारा से प्रभावित तीन बार के विजयी पार्षद ज्ञान सारस्वत ने निर्दलीय ताल ठोक कर मुकाबला रोचक बना दिया है। फिलहाल मतदान 25 नवम्बर को होना है। चुनाव प्रचार चरम पर है। प्रत्याशी मतदाताओं को रिझाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। सामूहिक बैठक, स्नेह भोज सभी चल रहा है। शहर में कटआउट लग रहे हैं, गाड़ियों घूम रही हैं।

अजमेर उत्तर से लगभग 2 लाख 10 हजार मतदाता हैं। इनमें महिला और पुरुष मतदाता लगभग आधे-आधे ही हैं। नए मतदाताओं के रूप में यद्यपि करीब 22 हजार युवाओं के जुड़ने की सूचना है किन्तु लगभग साढ़े सौलह हजार कथित फर्जी मतदाताओं के नाम इस बार उत्तर विधानसभा क्षेत्र से कटवाए जाने को लेकर प्रमुख प्रतिपक्षी कांग्रेस उम्मीदवार के समर्थक दावा कर रहे हैं।

अजमेर में कई मुद्दे है- इनमें प्रमुख रुप से अजमेर में बाढ़ जैसे बुरे हालात हों या 72 से 95 घंटे में पीने के पानी की सप्लाई, गड्ढ़ों में सड़क हो या जवाहर लाल नेहरू हॉस्पिटल की बदहाल चिकित्सा व लिफ्ट सुविधाएं, रोडवेज बस स्टैण्ड या फल- सब्जीमंडी के बिगड़े हालात हों। विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचारी हो या माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की लाचारी, स्कूल शिक्षा, सुरक्षा, रोजगार, कृषि, खेल, पर्यटन, उद्योग किसी भी क्षेत्र में इतने सालों में विधायक का कोई नया विजन दिखाई नहीं दिया। आश्र्चर्यजनक है कि अजमेर के नालों की सफाई का शिड्यूल ही कभी नहीं बन सका कचरा उठाई का काम कथित भ्रष्टाचार की रजामंदी में चलता रहा। बरसात में लोगों के घरों को पानी ने घेरा तो विधायक जिला प्रशासन के प्रबंधन को कोसते रहे।

भाजपा के लिए सांगठनिक दृष्टि से कार्यकर्ताओं की आंतरिक रूप से बुरी तरह नाराजगी भी एक बड़ा कारण है। पार्टी के एक महामंत्री सम्पत सांखला ब्यावर में, उप महापौर नीरज जैन मसूदा में, पूर्व एडीए चेयरमैन और नगर अध्यक्ष शिवशंकर हेड़ा किशनगढ़ में भाजपा के पक्ष में काम करने को चले गए यानी अजमेर उत्तर से दूरी बना ली, संगठन के अन्य पदाधिकारी हो या नगर निगम के पिछले और मौजूदा महापौर जनता में सक्रियता से रूबरू होने में गुरेज ही रख रहे हैं। लोग तो यह भी कह रहे हैं विधायक देवनानी के उत्तर विधान सभा क्षेत्र के करीब 39 वार्ड पार्षद हैं इनमें से बहुसंख्य दूर खड़े रहकर तमाशा देख रहे हैं।

अजमेर उत्तर विधान सभा क्षेत्र में मुस्लिम, ब्राह्मण, वैश्य, राजपूत, सिंधी, एसी- एसी, रावत, गुर्जर, माली, क्रिश्चियन एवं नौकरीपेशा लोग शामिल हैं। निर्दलीय प्रत्याशी ज्ञान सारस्वत 56 वर्षीय हैं। नगर निगम वार्ड पार्षद का चुनाव निर्दलीय जीतने के बाद लगातार तीन बार पार्षद चुने जाते रहे हैं। वर्तमान में उत्तर विधानसभा क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक वार्ड पार्षद उनके पक्ष में एकजुट हैं। अजमेर उत्तर में ब्राह्मण और वैश्य दोनों समुदाय मिल कर आंकड़ा 60 हजार के पार है।

इसके अलावा राजपूत और मुस्लिम मतदाताओं के भरोेसे कांग्रेस के प्रत्याशी महेन्द्र सिंह रलावता अपनी जीत के प्रति आशांवित हैं। यह आंकड़ा 50 हजार के पार है। रलावता का मानना है कि भाजपा के देवनानी और ज्ञान सारस्वत की लड़ाई में बिल्ली के भाग्य का छीका टूटा तो उनकी ही झोली में आकर गिरेगा। रलावता करीब 30 हजार मुस्लिम मतदाता और लगभग 20 से 25 हजार रावणा राजपूत और राजपूत मतदाताओं के साथ एससी, एसटी, सिंधी, रावत, क्रिश्चियन और माली मतदाताओं के भरोसे अपनी जीत का गुणा भाग पूरा कर चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं। उनके पास कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार की जनता के लिए 7 गांरटी तो है ही, पिछले चुनाव में हार के 8 हजार मतों की नए मतदातों की दृष्टि से भरपाई, फर्जी मतदाताओं की छटाई व देवनानी से नाखुश सिंधियों की उनके पक्ष में बढ़ती हताई जीत का आधार बने हुए हैं।

अजमेर में यूं तो अजमेर उत्तर सीट विगत तीन दशक से अघोषित रूप से सिंधी समुदाय के खाते में आरक्षित समझी जाती रही है। भाजपा इस सीट को गैर सिंधी बनाने से कतराती रही है तो कांग्रेस को सीट का सही उत्तराधिकारी नहीं मिल रहा। रलावता ने स्वयं को अजमेर की माटी का लाल बताकर जनता से मत आशीर्वाद मांगा है किन्तु रलावता मुख्य मंत्री अशोक गहलोत के विरोधी खेमे यानी सचिन पायलट गुट से जाने जाते हैं। नगर अध्यक्ष विजय जैन भी अजमेर से प्रत्याशी होने के ख्वाब संजोए हैं ऐसे में वे रलावता पक्ष में बाहरी तौर पर तो दिख रहे हैं पर अंदर की राजनीति जनता ज्यादा समझ रही है। शेष कांग्रेस जन रलावता के बजाए अन्य उम्मीदवारों के साथ प्रचार में स्वयं को व्यस्त बनाए हुए हैं। इस खातिर अजमेर में कांग्रेसी ही रलावता को किसी कीमत पर आगे आने देना नहीं चाहते। बहरहाल यह मौका है जब जनता उत्तर के उत्तर का स्वयं ही विकल्प तलाशने में जुटी है। जनता का निर्णय 3 दिसम्बर को आ जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार/संतोष /ईश्वर