राजस्थान और बंगाल को जोङ़ने का कार्य वंदनीय : महंत दुर्गानंद

 


बीकानेर, 14 जनवरी (हि.स.)। महानगर कोलकाता इन दिनों धर्म और अध्यात्म के रंग से सराबोर है क्योंकि गंगासागर में डुबकी लगाने वाले धर्म परायण लोगों का पूरे देश से निरंतर आगमन हो रहा है। इसी श्रृंखला में आज राजस्थान के बीकानेर में कपिल मुनि की तपोभूमि श्रीकोलायत (राजस्थान) से एक प्रतिनिधिमंडल धूणीनाथ मठ भाणेका गांव के अधिष्ठिता महंत दुर्गा नंद के नेतृत्व में गंगासागर के लिए कोलकाता आया और कोलकाता स्थित राजस्थान सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के राजस्थान सूचना केंद्र का विजिट किया। इस प्रतिनिधिमंडल में महंत दुर्गा नंद के साथ मगरा क्षेत्र के प्रसिद्ध समाज सेवी खेतदान किनिया, जगदीश दान किनिया भाणेका गांव और जगदीश पंचारिया, भंवर किनीया, जगदीश महाराज आदि थे।

सहायक निदेशक हिंगलाज दान रतनू ने सभी का स्वागत किया। रतनू ने कहा कि गंगासागर की वजह से कोलकाता का जुङवां रिश्ता हैं, यह दोनों स्थान सांख्य दर्शन के प्रणेता कपिल मुनि का पावन स्थल माने जाते हैं। इस अवसर पर धूणीनाथ मठ भाणेका गांव के महंत दुर्गानंद जी ने राजस्थान सूचना केंद्र की व्यवस्थाओं पर प्रसन्नता प्रकट की और राजस्थान सरकार को साधुवाद ज्ञापित किया।

हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/संदीप