नए बने जिलाें में अभी नहीं होगा परिवर्तन, जनगणना रजिस्ट्रार जनरल ने नहीं दी मंजूरी
जयपुर, 1 अक्टूबर (हि.स.)। कांग्रेस सरकार द्वारा बनाए नए जिलाें काे फिलहाल खत्म नहीं किया जाएगा। अभी जिलों की सीमाएं फ्रीज ही रहेंगी। जनगणना रजिस्ट्रार जनरल ने नए तहसील-उपखंडों को छूट दी, लेकिन नए जिलों को लेकर काेई दिशा निर्देश नहीं दिए। जनगणना रजिस्ट्रार जनरल ने जुलाई में पेश बजट और एप्रोप्रिएशन बिल के दौरान घोषित नए उपखंड, तहसील, उप-तहसील और नए राजस्व गांवों को नोटिफाई करने की मंजूरी दे दी है। बजट में घोषित इन प्रशासनिक यूनिटों के गठन पर जनगणना की रोक नहीं रहेगी।
राजस्व विभाग ने जनगणना रजिस्ट्रार जनरल को अगस्त में चिट्ठी लिखकर नए जिले, उपखंड, तहसील और राजस्व गांव बनाने और उनकी बाउंड्री बदलने पर लगी रोक से छूट देने की मांग की थी। इसके लिए 20 अगस्त को ही चिट्ठी लिखी थी। सरकार की इस चिट्ठी पर जनगणना रजिस्ट्रार जनरल की तरफ से जवाब आ गया है। जनगणना रजिस्ट्रार जनरल के ऑफिस ने राजस्थान सरकार को जिलों पर मांगी गई छूट पर कोई राहत नहीं दी है। जिलों का जिक्र तक नहीं किया है। जनगणना रजिस्ट्रार जनरल के दफ्तर ने लिखा कि राज्य में जिन राजस्व गांवों को घोषित करने की मंजूरी राजस्व मंत्री से मिली है और 2024-25 के बजट के दौरान दौरान जिन नए उपखण्ड, तहसील और उप-तहसील बनाने की घोषणा की जा चुकी है। उनकी अधिसूचनाएं जारी की जा सकती है। जनगणना रजिस्ट्रार जनरल ने एक जुलाई से सभी प्रशासनिक सीमाओं को फ्रीज कर दिया था। 1 जुलाई के बाद किसी तरह के नए जिले, उपखंड, तहसील और गांव बनाने और उनकी बाउंड्री में बदलाव पर रोक लगाई हुई है। बिना जनगणना रजिस्ट्रार जनरल की मंजूरी के वार्ड की सीमा में भी बदलाव नहीं हो सकता।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को लेटर भेजकर नए जिलों के गठन और उनकी बाउंड्री में बदलाव करने पर लगी रोक हटाने की मांग की थी। इस लेटर पर अभी जवाब आना बाकी है। फिलहाल, सरकार को जिलों की बाउंड्री में बदलाव करने, नए जिले बनाने अथवा जिले रद्द करने की जनगणना रजिस्ट्रार जनरल से कोई मंजूरी नहीं मिली है। ऐसे हालात में अब जिलों के रिव्यू को धरातल पर तब तक नहीं उतारा जा सकेगा जब तक जनगणना की रोक नहीं हटती है। अगर जनगणना की घोषणा हो जाती है तो अगले दो साल तक जिलों में बदलाव नहीं हो सकेगा। सरकार ने मंत्रियों की कमेटी को गहलोत राज के जिलों के रिव्यू का जिम्मा दे रखा है। सरकार अपने स्तर पर तो गहलोत राज के जिलों पर फैसला कर सकती है, लेकिन उनकी बाउंड्री में बदलाव नहीं कर सकती।
जनगणना की रोक से जुड़े सवाल पर कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि यह एक कानूनी प्रश्न है, अभी हमारा मुद्दा जिले बनाना या घटाना विषय नहीं है। अभी तो जो जिले बने हैं, उनकी समीक्षा कर रहे हैं। अगर हमको लगेगा यह जिला कम करना है या बनाना है या एडिशनल अल्टरेशन करना है। केंद्र सरकार से विचार करेंगे, जनगणना की परमिशन लेंगे। परमिशन के बाद विधिवत जो निर्णय होगा वह किया जाएगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित