राज विस चुनाव : अजमेर उत्तर में सारस्वत और शेखावत की उम्मीदवारी से गड़बड़ाएंगे समीकरण
अजमेर, 7 नवम्बर(हि.स)। अजमेर उत्तर विधानसभा सीट पर सियासत चर्चा में है। यहां लोग निर्दलीय उम्मीदवारों को लेकर दिमागी घोड़े दौड़ाने लगे हैं कि कौन किस अधीकृत पार्टी उम्मीदवार को कितना डेंट पहुंचा सकता है। मजेदार बात है कि निर्दलीय उम्मीदवार ज्यादातर स्वयं जीतने के इरादे से चुनावी जंग में नहीं कूदे हैं। इसलिए लोग भी नामांकन वापसी के आखिर समय तक का इंतजार कर रहे हैं। लगातार पांचवीं बार भाजपा के वासुदेव देवनानी अजमेर उत्तर से उम्मीदवार हैं। उनके सामने कांग्रेस की ओर से महेन्द्रसिंह रलावता मैदान में हैं। रलावता पायलट केम्प से माने जाते हैं। पिछला चुनाव देवनानी से ही आठ हजार मतों से हारे थे, इसलिए इस बार जीत के प्रति ज्यादा आशांवित भी नजर आ रहे हैं।
देवनानी गत चार बार चुनाव जीते हैं और दो बार भाजपा सरकार में मंत्री भी रहे हैं। लेकिन इस बार देवनानी को हराने के लिए भाजपा के तीन बड़े नेताओं ने संकल्प लिया है और ये तीनों बड़े नेता निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर देवनानी के सामने चुनाव लड़ रहे हैं। इसमें कोई दो राय नहीं की तीन बार के पार्षद ज्ञान सारस्वत और नगर परिषद के पूर्व सभापति सुरेंद्र सिंह शेखावत अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र में अपना प्रभाव रखते हैं। दोनों ही इस क्षेत्र में लोकप्रिय हैं। यही वजह है कि दोनों को उम्मीद है कि यदि जनता वास्तव में बदलाव चाहती है तो वह उनमें से एक को चुन लेगी। चुनाव कौन जीतेगा यह तो 3 दिसंबर को परिणाम के बाद ही पता चलेगा, लेकिन यदि सारस्वत और शेखावत दोनों उम्मीदवार बने रहते हैं तो भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी देवनानी को इसका नुकसान कम और फायदा अधिक होता दिखाई दे रहा।
सारस्वत चूं कि अजमेर उत्तर के दस वार्डों में अधिक सक्रीय है लिहाजा यहां से वे मतदाता जो कांग्रेस विचारधारा के होकर भी सारस्वत के साथ है वे देवनानी को मजबूती प्रदान करेंगे। दूसरी ओर क्यों कि सुरेन्द्र सिंह शेखावत का प्रभाव सभी 36 कौमों के साथ माना जाता है तो यदि शेखावत चुनाव में डटे रहते हैं तो भी वे देवनानी को प्रभावित करे ऐसा कम ही नजर आता है। शेखावत का प्रभाव चूं कि राजपूतों में तो बंट सकता है, मुसलमानों में भी सीधे कांग्रेस को मिलने वाले मतों पर कैंची चलने से फायदा देवनानी के खाते में ही जाएगा।
सीधी से बात है प्रभावशाली निर्दलीय जो भाजपा विचार धारा के हैं वे सिर्फ भाजपा के वोट ही नहीं लेंगे बल्कि अपने व्यक्तिगत संबंधों से कांग्रेस के वोट भी हासिल करेंगे। सारस्वत जहां नौसर घाटी और नागफनी क्षेत्र के मुस्लिम मतदाताओं के भी वोट प्राप्त करेंगे, वहीं शेखावत दरगाह, अंदरकोट, खादिम मोहल्ला सहित अजमेर उत्तर में जहां में मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र है वहां उनका भी उतना ही सम्मान है जितना कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी महेन्द्र सिंह रलावता मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में अपना आधिकारिक वजूद कांग्रेसी होने के नाते महसूस करते हैं। रावणा राजपूत समाज में भी रलावता को जिस हैसियत से वोट पाने की उम्मीद है शेखावत भी उतने ही अधिकारी से राजपूत समाज के वोट हासिल करेंगे। लिहाजा शेखावत और सारस्वत मुसलमानों के जितने वोट लेंगे उतना ही फायदा देवनानी को होगा, इसी प्रकार शेखावत राजपूत समुदाय के वोट लेते हैं तो भी देवनानी को लाभ मिलेगा। महेंन्द्र सिंह रलावता के समर्थकों का मामना है कि शेखावत और सारस्वत की उम्मीदवारी से भाजपा के वोटों का विभाजन होगा,जिसका फायदा रलावता को मिलेगा। जहां तक हाथीखेड़ा के सरपंच लाल सिंह रावत का सवाल है तो लाल सिंह की उम्मीदवारी का सीधा नुकसान देवनानी को है। लाल सिंह अपने समुदाय के वोट प्राप्त करेंगे। रावत समुदाय सामान्य तौर पर भाजपा का समर्थक है। पार्षद कुंदन वैष्णव और अन्य उम्मीदवार भी कहीं ना कहीं एससी-एसटी, मुस्लिम समुदाय के हैं जो कांग्रेस प्रत्याशी को कमजोर करने वाले हैं।
भाजपा प्रत्याशी को डेंट लगाने वालों को मनाने की कवायद होने लगी
संगठन की दृष्टि से भाजपा ने पांच सीटें देहात और तीन सीटें शहर जिला में आती हैं। शहर में अजमेर उत्तर और दक्षिण के साथ किशनगढ़ विधानसभा क्षेत्र भी आता है। भाजपा के शहर जिला अध्यक्ष रमेश सोनी ने कहा कि उत्तर क्षेत्र में नाराज कार्यकर्ताओं को मनाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए बड़े नेताओं की एक कमेटी भी बनाई है। जिन नाराज नेताओं ने नामांकन किया है उनके नामांकन वापस करवाने के प्रयास हो रहे हैं। सोनी ने उम्मीद जताई की नाम वापसी के अंतिम दिन 9 नवंबर को कई नेता अपना नाम वापस ले लेंगे। उन्होंने बताया कि पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी नाराज नेताओं से संवाद कर रहे हैं। सोनी ने कहा कि शहर की दोनों और किशनगढ़ सीट पर भाजपा की जीत तय है। उन्होंने किशनगढ़ से भाजपा उम्मीदवार और मौजूदा सांसद भागीरथ चौधरी की जीत को बेहद आसान बताया। सोनी ने कहा कि अजमेर उत्तर से वासुदेव देवनानी और दक्षिण से अनीता भदेल को चार बार का अनुभव है, दोनों के अनुभव पांचवीं बार भी काम आएगी। शहरभर के कार्यकर्ता दोनों उम्मीदवारों को जीताने में लगे हुए हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/संतोष
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