कृषि शिक्षा का उद्देश्य खेती को विज्ञान,तकनीक और नवाचार से जोड़कर किसान और राष्ट्र-दोनों को मजबूत करना है: राज्यपाल
जयपुर, 5 दिसंबर (हि.स.)। राज्यपाल एवं कुलाधिपति हरिभाऊ बागडे ने शुक्रवार को कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर में अधिकारियों की विस्तृत समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में विश्वविद्यालय की शैक्षणिक प्रगति, परिणामोन्मुख अनुसंधान, कृषि तकनीकी नवाचार, परीक्षा प्रणाली, सामुदायिक सेवाएँ तथा छात्र कल्याण से संबंधित विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई।
राज्यपाल बागडे ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय की सफलता तभी सार्थक होगी जब यहाँ विकसित ज्ञान, शोध और नवाचार सीधे खेत–खलिहान तथा किसान तक पहुँचें। उन्होंने कृषि शिक्षा को अधिक व्यावहारिक, परिणामोन्मुख और स्थानीय कृषि आवश्यकताओं से जुड़ा बनाने पर बल दिया। राज्यपाल ने जैविक एवं प्राकृतिक खेती, जल–संरक्षण आधारित कृषि तथा स्थानीय फसल प्रजातियों के संवर्धन को प्राथमिकता देने की आवश्यकता व्यक्त की। उन्होंने नियमित ऑडिट व्यवस्था सुदृढ़ करने, छात्रों के समग्र विकास के लिए पृथक व्यायामशाला, खेल मैदान, स्विमिंग पूल और छात्रावासों में स्वच्छता व पौष्टिक भोजन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। वर्षा जल संरक्षण को विश्वविद्यालय की विशेष पहचान बनाने की सलाह भी दी।
कुलगुरु डॉ. विरेन्द्र सिंह जैतावत ने विश्वविद्यालय के शैक्षणिक कार्यक्रमों, प्रवेश की स्थिति, परीक्षा सुधार, शोध परियोजनाओं, सामुदायिक गतिविधियों और विश्वविद्यालय की उपलब्धियों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया। साथ ही विश्वविद्यालय के समक्ष उपस्थित चुनौतियों से भी राज्यपाल को अवगत कराया।
कृषि–वानिकी परियोजना प्रक्षेत्र का किया भ्रमण
समीक्षा बैठक के पश्चात राज्यपाल बागडे ने कृषि–वानिकी परियोजना प्रक्षेत्र का भ्रमण किया। परियोजना अधिकारी डॉ. कृष्णा साहरण ने जैविक एवं प्राकृतिक पद्धति से विकसित किए जा रहे एकीकृत कृषि–वानिकी मॉडलों की जानकारी दी। राज्यपाल ने इन प्रयासों की सराहना करते हुए पपीता, केला, आम सहित अंगूर के पौधों को भी किसानों तक पहुंचाने का सुझाव दिया, जिससे वे विविध फल उत्पादन के माध्यम से अधिक आय अर्जित कर सकें। राज्यपाल ने मृदा दिवस के अवसर पर विद्यार्थियों द्वारा मिट्टी एवं प्रकृति से प्राप्त सामग्री से निर्मित कलाकृतियों, रंगोली तथा पोस्टर्स का अवलोकन कर उनकी प्रशंसा की।
इस अवसर पर राज्यपाल बागडे ने विश्वविद्यालय परिसर में अशोक का पौधा रोपित कर वृक्षारोपण किया तथा विद्यार्थियों और विश्वविद्यालय परिवार से पर्यावरण संरक्षण को सतत संस्थागत पहचान बनाने का आह्वान किया।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश