सूर्य सप्तमी पर प्रदेश के सभी स्कूलों में होगा सूर्य नमस्कार का अभ्यास

 




जयपुर, 2 फ़रवरी (हि.स.)। प्रदेश के सभी सरकारी एवं निजी स्कूलों में सूर्य सप्तमी 15 फरवरी के अवसर पर विद्यार्थियों द्वारा एक ही समय अवधि में सामूहिक रूप से सूर्य नमस्कार का अभ्यास किया जाएगा। यह गतिविधि 15 फरवरी को सभी स्कूलों में प्रार्थना सभा के बाद प्रातः साढे दस बजे बजे से पौने ग्यारह बजे की अवधि में एक साथ आयोजित होगी। इसके तहत पांच बार सूर्य नमस्कार का अभ्यास होगा। सभी स्कूलों में छात्र एवं छात्राओं के अलग-अलग समूहों में इस गतिविधि का आयोजन होगा। प्रशिक्षित व्यक्तियों की ओर से शनिवार से विद्यालयों में इसकी तैयारी शुरू होगी। सामूहिक आयोजन के दिन 15 फरवरी को प्रदेशभर में अधिकारियों द्वारा स्कूलों में इस गतिविधि का निरीक्षण भी किया जाएगा।

राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के आयुक्त एवं राज्य परियोजना निदेशक अविचल चतुर्वेदी ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप इस कार्यक्रम के सफल एवं व्यवस्थित आयोजन के लिए सभी स्तरों पर बेहतर प्लानिंग और समन्वय से कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि सूर्य पृथ्वी पर सभी चीजों के लिए ऊर्जा का प्रमुख स्रोत और इससे हममें सकारात्मक ऊर्जा का संचालन होता है। ऐसे में इस महत्वपूर्ण आयोजन में अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारी स्थानीय स्तर पर जनप्रतिनिधियों एवं गणमान्य नागरिकों के साथ ही जिला प्रशासन, जिला परिषद और अन्य संबंधित विभागों से सम्पर्क कर इस गतिविधि के बारे में जानकारी साझा करें।

माध्यमिक शिक्षा निदेशक आशीष मोदी ने बताया कि आजकल बच्चे फिजिकल एक्टिविटी में कम रूचि लेते है, ऐसे में इस गतिविधि के माध्यम से उनको इसके लिए मोटिवेट किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस सामूहिक आयोजन में भाग लेने वाले विद्यार्थियों, शिक्षकों, कार्मिकों, अभिभावकों और गणमान्य लोगों की जानकारी शाला दर्पण पोर्टल के मॉड्यूल में अपलोड की जाएगी। सभी संस्था प्रधान अपने स्कूलों में इस गतिविधि के सम्पन्न होने के तुरंत बाद इसे अपडेट करना सुनिश्चित करें। प्रारम्भिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट ने कहा कि विद्यार्थियों को हेल्दी बॉडी और माइंड के लिए इस गतिविधि का महत्व समझाए, जिससे वे आगे भी इसका अभ्यास जारी रखने के लिए प्रेरित हो।

वहीं अधिकारियों और संस्था प्रधानों को निर्देश दिए गए कि छोटे बच्चे या फिर ऐसे विद्यार्थी जिनको स्वास्थ्य सम्बंधी कोई दिक्कत हो, उन्हें इस अभ्यास में शामिल नहीं किया जाए। वे इसे देखकर अपनी भागीदारी निभा सकते है। जिलों से जुड़े सीडीईओ, डीइओ माध्यमिक एवं प्राथमिक को निर्देश दिए गए कि वे अपने स्तर पर निजी स्कूलों के प्रिंसिपल और प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर इस गतिविधि के बारे में जानकारी साझा करे।

हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश/संदीप