एमडीएम अस्पताल : महाधमनी अयोर्रटा के एन्यूरिज्म की पश्चिमी राजस्थान में पहली बार सफल स्टंटिंग

 


जोधपुर, 08 नवम्बर (हि.स.)। पश्चिम राजस्थान के सबसे बड़े चिकित्सालय मथुरादास माथुर अस्पताल के उत्कर्ष कार्डियोथोरेसिक विभाग में एंडोवस्कुलर तकनीक- टीवार के माध्यम से खून की महाधमनी अयोर्रटा के एन्यूरिज्म की पश्चिमी राजस्थान में पहली बार सफल स्टंटिंग की गई।

सीटीवीएस विभागाध्यक्ष डॉ सुभाष बलारा ने बताया कि मेहेरता निवासी 30 वर्षीय विकास सोनी को तीन महीने से सांस की तकलीफ शुरू हुई। इनकी जांचों में छाती की महाधमनी (थोरेसिक अयोर्रटा) में एन्यूरिज्म होने की पुष्टि हुई। यह एन्यूरिज्म काफी बड़ा हो गया था और गर्दन तथा हाथ की महाधमनियों को दबा रहा था। थोरेसिक आयोर्टिक एन्यूरिज्म का इलाज काफी जटिल है परंतु इंडोवैस्कुलर तकनीक द्वारा बिना चिर फाड़ के एन्यूरिज्म में स्टंट लगाया गया।

मरीज की मेडिकल हिस्ट्री लेने के दौरान यह पता चला कि युवक का 4 वर्ष पूर्व रोड एक्सीडेंट हुआ था,एक्सीडेंट के दौरान झटके (एक्सीलरेशन- डीएक्सीलरेशन इंजरी ) के कारण इसकी महाधमनी थोरेसिक अयोर्रटा मे एन्यूरिज्म डेवलप हुआ, और मरीज के गरदन तथा पीठ में दर्द रहने लगा और सांस फूलने लगी। पोस्ट टौमे्टिक थोरेसिक ऑर्टिक एन्यूरिज्म एक बहुत ही रेयर बीमारी है जिसका नॉर्मल पापुलेशन इनसीडियस 0. 01 प्रतिशत होता है।

इंडोवैस्कुलर तकनीक के जरिए कवर्ड आर्टिक स्टैंट लगाकर मरीज को बीमारी से निजात दिलाई गई और अब वह पूर्णता स्वस्थ है। मरीज का इलाज सीटीवीएस विभाग में चल रहा है। पहले इस ऑपरेशन की प्रणाली के लिए मरीजों को अन्य राज्यों तथा मेट्रो शहरों में जाना पड़ता है और यह इलाज काफी महंगे हैं जो कि अमूमन आमजन के पहुंच से बाहर है परंतु अब यह सुविधा जोधपुर मेडिकल कॉलेज मे निशुल्क उपलब्ध है।

डॉ एसएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल व नियंत्रक डॉ दिलीप कछवाहा तथा एमडीएम अस्पताल के अधीक्षक डॉ विकास राजपुरोहित ने डॉक्टरों की टीम को बधाई दी। मेडिकल कॉलेज के प्रवक्ता डॉ जयराम रावतानी ने बताया कि यह ऑपरेशन मथुरा दास माथुर अस्पताल में निशुल्क किया गया।

हिन्दुस्थान समाचार/सतीश/संदीप