छात्रसंघ राजनीति की पहली पाठशाला : गहलाेत

 


जयपुर, 13 जुलाई (हि.स.)। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने

जयपुर में छात्रसंघ चुनावों की मांग कर रहे विद्यार्थियों पर बल प्रयोग की

कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि ऐसा करने की बजाय राज्य सरकार को उनकी मांग

को मानना चाहिए।‌ गहलोत ने शनिवार को साेशल मीडिया पर बयान जारी कर लिखा कि विद्यार्थियों

पर बल प्रयोग, उन पर मुकदमें लगाकर उनके करियर को प्रभावित करने का डर

दिखाना आदि लोकतांत्रिक कदम नहीं हैं। ये विद्यार्थी ही आगे की राजनीति का

भविष्य हैं।

गहलाेत ने

कहा कि हमारी सरकार के समय पुलिस-प्रशासन के फीडबैक के कारण चुनावी वर्ष

में छात्रसंघ चुनाव नहीं करवाए जा सके थे क्योंकि प्रशासन विधानसभा चुनावों

की तैयारी में व्यस्त था एवं अधिकांश जगह कॉलेज ही चुनावी गतिविधियों जैसे

चुनावी ट्रेनिंग, ईवीएम भंडारण एवं मतगणना केन्द्र आदि होते हैं। उन्होंने

कहा कि मेरा मानना है कि छात्रसंघ राजनीति की पहली पाठशाला है। छात्रसंघ चुनावों से

विद्यार्थियों में लोकतंत्र एवं संविधान के प्रति जागरुकता आती है। मैं

स्वयं छात्रसंघ की राजनीति से निकला हूं। पिछले कार्यकाल में भाजपा सरकार

ने छात्रसंघ चुनावों पर रोक लगाई थी जिसे हमारी सरकार ने हटाया। कोविड के

बाद भी हमारी सरकार ने ही छात्रसंघ चुनाव बहाल किए थे।

उन्होंने कहा कि मैं छात्रसंघ चुनाव में शामिल होने के इच्छुक युवाओं से भी

कहना चाहता हूं कि आप भी इन चुनावों को पैसा और ताकत दिखाने का जरिया

बनाने की जगह जेएनयू दिल्ली की भांति शुचिता एवं बुद्धिमता वाला चुनाव

बनाएं और एक नई राजनीति की शुरुआत करें।

हिन्दुस्थान समाचार

हिन्दुस्थान समाचार / रोहित / संदीप माथुर