जेकेके में छह दिवसीय पधारो म्हारे शिल्पग्राम प्रदर्शनी का आगाज

 


जयपुर, 21 दिसंबर (हि.स.)। राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की ओर से जवाहर कला केंद्र, जयपुर के शिल्पग्राम में गुरुवार को छह दिवसीय राष्ट्रीय हस्तशिल्प प्रदर्शनी पधारो म्हारे शिल्पग्राम का उद्घाटन हुआ। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि कला,साहित्य, संस्कृति, पुरातत्व एवं पर्यटन विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ रहीं। जिन्होंने फीता काटकर प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। नेशनल एग्जीबिशन में देशभर के 19 राज्यों के 150 दस्तकार एवं हस्तशिल्पकार हिस्सा ले रहे हैं। प्रदर्शनी में शहरवासी 75 से अधिक स्टॉल्स पर खरीदारी कर सकेंगे।

राष्ट्रीय प्रदर्शनी में प्रतिदिन सायं 6 बजे होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम राजस्थानी लोक कला की छटा बिखेरेंगे, वहीं फूट स्टॉल्स पर आगंतुक विभिन्न व्यंजनों का लुत्फ उठा सकेंगे। एग्जीबिशन के पहले दिन शाम को राजस्थानी गीतों पर श्चरी नृत्यश् की प्रस्तुति देकर कलाकारों सबका मन मोह लिया। प्रदर्शनी का आयोजन 21 दिसंबर से 26 दिसंबर को जेकेके के शिल्पग्राम परिसर में सुबह 11 बजे से रात 9 बजे तक है।

कार्यक्रम के पहले दिन ही शहरवासियों का उत्साह हस्तशिल्प से जुड़ी प्रदर्शनी के लिए देखने को मिला। दिनभर लोग स्टॉल्स पर खरीदारी और प्रोडक्ट की जानकारी लेते हुए दिखाई दिए। ज्योग्राफिकल इंडिकेशन (जीआई) टैग से जुड़े 19 उत्पादों के लिए अलग से जीआई पवेलियन बनाया गया है जिसमें शहर के लोग जीआई टैग प्रोडक्ट खरीद सकेंगे। इनमें जोधपुरी बंधेज, उत्तराखंड का तमता क्राफ्ट, मध्य प्रदेश की वारासिवनी सिल्क साड़ी, वाराणसी के खिलौने, नाथद्वारा की पिछवाई, सांगानेरी एवं बगरू के हैंड ब्लॉक प्रिंट, ब्लू पॉटरी, बीकानेरी कशीदाकारी व उस्ता कला, पंजाब की फुलकारी, कश्मीरी केसर, तमिलनाडु की कोविलपट्टी कादलाई मित्तई, उत्तर प्रदेश की लकड़ी की नक्काशी और बागपत बेडशीट, उदयपुर की कोफ्तगिरी, राजस्थानी कठपुतली, कोटा डोरिया साड़ी, सोजत मेहंदी और राजसमंद की मोलेला पॉटरी शामिल है। सभी स्टॉल्स पर लगे बार कोड को स्कैन कर इनके उद्गम की जानकारी मोबाइल पर जान सकेंगे।

पधारो म्हारे शिल्पग्राम प्रदर्शनी की शुरुआत गायत्री राठौड़ ने दीप प्रज्जवलित कर की। उन्होंने कहा कि नाबार्ड की ओर से आयोजित इस तरह के कार्यक्रमों से हस्तशिल्प से जुड़े दस्तकारों को संबल मिलेगा। वहीं नाबार्ड, राजस्थान के प्रमुख महाप्रबंधक डॉ.राजीव सिवाच ने कहा नाबार्ड सालों से स्थानीय दस्तकारों के लिए आगे आ रहा है और प्रधारो म्हारे शिल्पग्राम का आयोजन दस्तकारों को पर्यटन से जोड़ने की एक कोशिश है। इससे दस्तकार एंटरप्रेन्योरशिप की तरफ अग्रसर होंगे। उन्होंने कहा कि जीआई टैग से विश्वसनीय प्रोडक्ट ब्रांड बनकर सामने आएंगे जिससे गुम होती हस्तशिल्प कला को बढ़ावा मिलेगा। इससे पहले डॉ.सिवाच ने पुष्प गुच्छ और शॉल भेंट कर मुख्य अतिथि श्रीमती गायत्री राठौड़ का स्वागत किया। इस मौके पर नाबार्ड महाप्रबंधक मंजू खुराना और एसएलबीसी संयोजक हर्षद कुमार सोलंकी भी मंच पर उपस्थित रहे। कार्यक्रम में दस्तकारों ने अपनी सफलता की कहानी खुद मंच पर साझा की।

हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश सैनी/ईश्वर