नाबार्ड की पधारो म्हारे शिल्पग्राम राष्ट्रीय प्रदर्शनी 21 दिसंबर से: 19 राज्यों के 150 दस्तकार लेंगे हिस्सा
जयपुर, 16 दिसंबर (हि.स.)। राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की ओर से जवाहर कला केन्द्र में 21 से 26 दिसंबर तक पधारो म्हारे शिल्पग्राम राष्ट्रीय प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। कई मायनों में खास रहने वाली यह प्रदर्शनी सुबह ग्यारह बजे से रात्रि नौ बजे तक चलेगी। इसमें देशभर से आए हस्तशिल्पियों और दस्तकारों के उत्पाद खरीद सकेंगे। राजस्थान की लोक कलाओं की प्रस्तुतियां भी देखने को मिलेगी। कोरोना काल के बाद देशभर के हस्तशिल्पियों और दस्तकारों के उत्पाद आमजन तक पहुंचाने व स्थानीय कलाओं को बढ़ावा देने के लिए यह नाबार्ड, राजस्थान एक अहम प्रयास है। क्रिसमस और शीतकालीन अवकाश में आप खरीदारी की योजना बना सकते हैं।
नाबार्ड, राजस्थान के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. राजीव सिवाच ने बताया कि प्रदर्शनी से कारीगरों, शिल्पकारों व बुनकरों और ग्राहकों के बीच सीधा संबंध विकसित होगा। यह मंच कलाकारों की आय वृद्धि में सहायक होगा साथ ही इससे स्थानीय कलाओं को बढ़ावा मिलेगा। 21 दिसंबर की सुबह 11 बजे रंगायन में इसका उद्घाटन होगा। प्रदर्शनी में राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, असम, गुजरात, केरल समेत 19 राज्यों से आने वाले लगभग 150 दस्तकार हिस्सा लेंगे। प्रदर्शनी में रोजमर्रा की वस्तुएं, कपड़े, हस्तशिल्प और खाद्य पदार्थ व अन्य उत्पाद प्रदर्शित किए जाएंगे। इनमें असम के सीतलपति उत्पाद, गुजरात के काठियावाड़ी बीड वर्क, हरियाणा की हस्तनिर्मित दरी, कर्नाटक की हथकरघा साड़ियां, महाराष्ट्र की शुद्ध टसर सिल्क साड़ी, बाड़मेर के एप्लिक वर्क उत्पाद, राजस्थानी जूती आदि शामिल हैं।
स्थानीय उत्पादों की विशेषता को ध्यान में रखते हुए केन्द्र सरकार की ओर से भौगोलिक संकेत (जीआई टैग) प्रदान किया जाता है। नाबार्ड की प्रदर्शनी में जीआई टैग पवेलियन बनाया जाएगा। इसमें 19 जीआई टैग प्रोडक्ट खरीद सकेंगे। इन उत्पादों के उद्गम की जानकारी भी साझा की जाएगी।
प्रदर्शनी में लोक कलाकार राजस्थानी संस्कृति की छटा बिखरेंगे। आगंतुकों को लोक गीतों के साथ चरी नृत्य, भवाई, घूमर, तेरहताली, कालबेलिया और गोरबंद जैसे विभिन्न लोक कलाओं की प्रस्तुति देखने को मिलेगी।
हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश/संदीप