जवाहर कला केन्द्र में 10 से होगा सात दिवसीय थिएटर फेस्टिवल
जयपुर, 1 दिसंबर (हि.स.)। जयरंगम थ्री एम डॉट बैंड थिएटर फैमिली सोसाइटी की ओर से आयोजित होने वाला मशहूर थिएटर फेस्टिवल है। जयपुर रंग महोत्सव के रूप में जयरंगम ने देशभर में पहचान स्थापित की है। जयरंगम कला, संस्कृति, थिएटर और जीवंतता के समागम की तरह है। जयरंगम क्षेत्रीय से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर के अभिनेताओं, निर्देशकों, कहानीकारों, लेखकों और कलाकारों को एक मंच पर लाने का प्रयास है। जयरंगम जयपुर रंग महोत्सव के संस्थापक डायरेक्टर दीपक गेरा के मार्गदर्शन और प्रेरणा से फेस्टिवल ने सफलतापूर्वक 11 संस्करण पूरे किए हैं। 12वें संस्करण में युवा कलाकारों की नयी सोच और रचनात्मक प्रयोगों के साथ अब यह फेस्टिवल नए कीर्तिमान स्थापित करने जा रहा है। जयपुर और राजस्थान में रंगमंच को नई ऊंचाई तक पहुंचाने के उद्देश्य से जयरंगम की शुरुआत की गयी थी और अन्य राज्यों में इसी तरह का मुकाम हासिल करने के लिए थ्री एम डॉट बैंड थिएटर फैमिली सोसाइटी निरंतर प्रयासरत है। 9 दिसंबर से जवाहर कला केन्द्र में जयरंगम काउंटर पर डोनर पास उपलब्ध होंगे । वहीं हर दिन शो से एक घंटे पहले निःशुल्क पास प्राप्त कर सकेंगे।
नामचीन कलाकारों से आबाद रंगमंच, रंग संवाद, मास्टर क्लास, म्यूजिकल कॉन्सर्ट, फिल्म स्क्रीनिंग, एग्जीबिशन और सुकून ए दिल देने वाली महफिल और भी बहुत कुछ...जवाहर कला केन्द्र में 10 दिसंबर से 16 दिसंबर, 2023 तक होने वाले जयपुर रंग महोत्सव (जयरंगम-2023) में कलात्मक इंद्रधनुष साकार होगा। थ्री एम डॉट बैंड्स थिएटर फैमिली सोसायटी, कला एवं संस्कृति विभाग, राजस्थान, जवाहर कला केंद्र, जयपुर, के संयुक्त तत्वावधान में सात दिवसीय 12वें जयरंगम का आयोजन किया जा रहा है। यह फेस्टिवल कला, संस्कृति और रंगमंच के समागम के रूप में उभरकर सामने आएगा।
स्पॉटलाइट में युवाओं को मौका
जयरंगम की प्रोग्रामर मन गेरा ने बताया कि थिएटर की जय तभी हो पाएगी जब युवा कलाकार अपनी रचनात्मकता के रंग इसमें भरेंगे, इससे भविष्य के रंगमंच को सही दिशा मिल पाएगी। यह ध्यान में रखते हुए इस बार जयरंगम में स्पॉटलाइट के जरिए रोजाना सबसे पहले कृष्णायन सभागार में 30 वर्ष से कम उम्र के निर्देशकों द्वारा निर्देशित नाटकों का मंचन होगा। इसके लिए देशभर से आवेदन मांगे गए थे, 100 में नाटकों में से 7 चयनित नाटकों का फेस्टिवल में मंचन किया जाएगा।
हबीब तनवीर के रंग में रंगेगा जयरंगम
रंगमंच की दुनिया में वर्ष 2023 का खास महत्व है, हिंदी रंगमंच के सबसे प्रभावी हस्ताक्षर हबीब तनवीर का यह जन्म शताब्दी वर्ष है इसलिए इस बार जयरंगम हबीब तनवीर को समर्पित रहेगा। फेस्टिवल के दौरान केंद्र की सुकृति गैलरी में सात दिवसीय प्रदर्शनी लगायी जाएगी। इसमें फोटो के जरिए हबीब तनवीर के सफरनामे को दर्शाने के साथ-साथ विभिन्न संग्रहालयों से लाए गए उनके प्रोप्स, कॉस्ट्यूम्स आदि को प्रदर्शित किया जाएगा।
500 कलाकार लेंगे हिस्सा
जयरंगम में राजस्थान, महाराष्ट्र, दिल्ली, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात समेत अन्य राज्यों के लगभग 500 कलाकार हिस्सा लेंगे। इस दौरान मकरन्द देशपांडे, अहाना कुमरा, अतुल कुमार, आएशा रज़ा, उज्जवल चौपड़ा, शबनम वढेरा, हर्ष खुराना, अतुल सत्य कौशिक, लतिका जैन, हिमांशु बाजपेयी समेत अन्य मशहूर कलाकारों से रूबरू होने का मौका मिलेगा। साथ ही 7 दिन में होंगे 16 नाटक, जिसमें 6 नाटक राजस्थान से। अतीत के पन्नों से उठी एक ऐसी कहानी को भी मंचित किया जाएगा। जो पूर्व में हुए जयरंगम से मुलाकात करवाएगा। वहीं 9 नाटक ऐसे हैं जो पहली बार मंचित होंगे। इसी के साथ लतिका जैन द्वारा द्वापरनाद सांगीतिक प्रस्तुति दी जाएगी। यह कृष्ण और महाभारत से जुड़ी मनोरम प्रस्तुति होगी। पहली बार गांव के नाऊ थिएटर, मोर नाऊ हबीब डॉक्यूमेंट्री और कायो कायो मूवी की स्क्रीनिंग की जाएगी, वहीं महफिल ए जयरंगम में नए अंदाज में कलाकार दर्शकों से रूबरू होंगे।
हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश सैनी/ईश्वर