सोलहवीं विधानसभा का 22 दिन और 175 घंटे चला द्वितीय सत्र, विधायकाें ने बताए नवाचार
जयपुर, 13 अगस्त (हि.स.)। विधान सभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सोलहवीं विधान सभा के द्वितीय सत्र को मंगलवार मध्यान्ह पश्चात 1:53 बजे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया। इस सत्र में स्पीकर देवनानी ने नवाचार किये। देवनानी ने पर्ची व्यवस्था इस सत्र से पुनः आरम्भ की। पन्द्रहवीं विधानसभा में पर्ची व्यवस्था को बंद कर दिया गया था। देवनानी ने विधायकों से अपने क्षेत्र के अनुभवों और नवाचारों पर विचार रखवाये। राजस्थान विधान सभा में यह नवाचार पहली बार हुआ है। देश की विधान सभाओं में भी राजस्थान विधान सभा ही ऐसी विधान सभा होगी जहां विधायकों के अनुभवों पर विचार रखे गये। अध्यक्ष देवनानी ने इस सत्र में वार्षिक प्रगति प्रतिवेदनों पर भी सदन में चर्चा करवाई। लोकायुक्त, राजस्थान के प्रतिवेदन पर विधान सभा के सदन में विधायकों से पहली बार चर्चा करवाई गई।
विधान सभा अध्यक्ष देवनानी प्रदेश में नवाचारों के लिए जाने जाते है। राजस्थान विधान सभा में अध्यक्ष पद पर सर्व सम्मति से निर्वाचित होने के उपरान्त उन्होंने स्वयं पहल कर अनेक नवाचार कराकर राजस्थान विधान सभा को देश की सर्वश्रेष्ठ विधान सभा बनाने का प्रयास किया है। सदन में अध्यक्ष के आसन को सम्भालने के समय देवनानी ने कहा था कि वे राजस्थान विधान सभा की मान मर्यादा को बनाये रखने के लिए सर्वदा प्रयासरत रहेंगे। सदन की ज्यादा से ज्यादा बैठके करायेंगे और अध्यक्ष पद की गरिमा और निष्पक्षता को बनाये रखेंगे। सदन संचालन में उन्होंने प्रभावी भूमिका निभाई है। सोलहवीं राजस्थान विधान सभा का द्वितीय सत्र तीन जुलाई से प्रारम्भ होकर छह अगस्त को अनिश्चितकाल के लिये स्थगित किया गया।
अध्यक्ष देवनानी ने बताया कि द्वितीय सत्र में कुल 22 बैठकें हुई और छह अगस्त को कार्यवाही समाप्त होने तक लगभग 175 घण्टे 13 मिनट विधान सभा की कार्यवाही चली। पन्द्रहवीं विधान सभा का द्वितीय सत्र 21 दिन और चौदहवीं विधान सभा के द्वितीय सत्र में 17 बैठके हुई थी। इस सत्र में विधायकों से कुल 8088 प्रश्न प्राप्त हुए, जिनमें से तारांकित प्रश्न 3812 एवं अतारांकित प्रश्न 4276 थे। कुल 420 तारांकित प्रश्न सूचीबद्ध हुए, जिनमें से 268 प्रश्न मौखिक रूप से पूछे गये एवं उनके उत्तर दिये गये। इसी तरह 426 अतारांकित प्रश्न सूचीबद्ध हुए। इस सत्र में प्राप्त प्रश्नों के जवाब शीघ्र ही विधायकों को
भिजवा दिये जायेंगे।
इससे पहले देवनानी ने प्रश्नों के जवाब नहीं आने पर विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी। बैठक के बाद 92 प्रतिशत प्रश्नों के जवाब विधान सभा को प्राप्त हो गए थे। पन्द्रहवीं विधान सभा के बकाया प्रश्नों के जवाब भी विधान सभा को प्राप्त हो गए थे। प्रथम सत्र के प्रश्नों के जवाब भी द्वितीय सत्र के आरम्भ होने से पहले विधान सभा को प्राप्त हो गए। प्रक्रिया के नियम-50 एवं नियम 295 के अंतर्गत स्थगन व विशेष उल्लेख प्रस्ताव विधायकों से प्रक्रिया के नियम - 50 के अंतर्गत कुल 204 स्थगन प्रस्तावों की सूचना प्राप्त हुई। इनमें से 64 स्थगन प्रस्तावों पर सदन में बोलने का अवसर दिया गया तथा 56 विधायकों ने अपने विचार रखे। विधायकों से प्रक्रिया के नियम- 295 के अंतर्गत 280 विशेष उल्लेख के प्रस्ताव प्राप्त हुए। इनमें से 255 विशेष उल्लेख की सूचनाएं सदन में पढ़ी गई या पढ़ी हुई मानी गई तथा 42 सूचनाओं के संबंध में राज्य सरकार से जानकारी प्राप्त हुई। विशेष उल्लेख की 25 सूचनाएं विधायकों के सदन में अनुपस्थित होने के कारण व्यपगत हुई।
अध्यक्ष देवनानी ने पर्ची व्यवस्था को पुनः प्रारम्भ किया। विधायकों द्वारा कुल 808 पर्चियां प्राप्त हुई। जिनमें से शलाका द्वारा कुल 71 पर्चियां चयनित हुई व संबंधित विधायकों ने अपने विचार सदन के समक्ष रखें। देवनानी ने बताया कि प्रतिदिन चार पर्चियों का प्रावधान है। पर्ची के माध्यम से लोक महत्व के तात्कालिक मुद्दों को सदन में उठाया जा सकता है। विधायकों द्वारा ऑनलाइन और ऑफलाइन पर्ची लगाने की व्यवस्था है। लॉटरी द्वारा चार पर्चियों का चयन किया जाता है। प्रक्रिया के नियम-119, 127 और 131 के अंतर्गत लोक हित, अविलम्बनीय लोक महत्व के विषय पर चर्चा एवं ध्यानाकर्षण प्रस्ताव प्रक्रिया के नियम-119 के अंतर्गत एक प्रस्ताव की सूचना प्राप्त हुई जिसे नियमानुकूल नहीं होने के कारण अग्राह्य किया गया। प्रक्रिया के नियम-127 के अंतर्गत तीन प्रस्तावों की सूचनाएं प्राप्त हुई। एक प्रस्ताव अग्राह्य किया गया। राज्य सरकार को तथ्यात्मक जानकारी के लिये दो प्रस्ताव प्रेषित किये गये। प्रक्रिया के नियम-131 के अंतर्गत 748 प्रस्तावों की सूचनाएं प्राप्त हुई, जिनमें से 14 ध्यानाकर्षण प्रस्ताव अग्राह्य किये गए। राज्य सरकार को तथ्यात्मक जानकारी के लिये 734 प्रस्ताव प्रेषित किये गये। सदन में संबंधित मंत्री का ध्यान आकर्षित करने के लिए कुल 39 प्रस्ताव कार्य-सूची में सूचीबद्ध किये गये। परिवर्तित आय-व्ययक अनुमान का 10 जुलाई को सदन में उपस्थापित किया गया, जिस पर चार दिन सामान्य वाद-विवाद हुआ, जिसमें 132 विधायकों ने भाग लिया। वित्त मंत्री ने परिवर्तित आय-व्ययक पर हुए वाद-विवाद का राज्य सरकार की ओर से 16 जुलाई को उत्तर दिया। विभागों से संबंधित 64 अनुदानों की माँगों में से सर्वाधिक 19 अनुदान की मांगों पर पर सदन में चर्चा के लिए आठ दिन नियत किये गये। प्रदेश में पेयजल व बिजली की स्थिति एवं आपदा प्रबंधन की स्थिति पर विचार के लिए कार्य दिवस नियत किये गये। जिन पर कुल 78 विधायकों ने अपने विचार सदन के समक्ष रखें। पहली बार विधायकों के अनुभव एवं नवाचारों पर चर्चा की पहल भी की गई।
हिन्दुस्थान समाचार / रोहित / संदीप