संघ की एक घंटे की शाखा ने भारत और विश्व की बदली दिशा - जगदीश प्रसाद
उदयपुर, 4 फ़रवरी (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उदयपुर महानगर की ओर से रविवार को प्रातः हिरण मगरी सेक्टर 4 स्थित विद्या निकेतन विद्यालय में गुणवत्ता युक्त शारीरिक प्रदर्शन एवं एकत्रीकरण का आयोजन हुआ।
एक घंटे के गुणवत्ता प्रदर्शन में पूर्ण गणवेशधारी स्वयंसेवकों ने दंड के स्वागताप्रकार, शिरमार, क्रमिका चतुष्क, भेद, भुज दंड, नियुद्ध के भूमिवंदन, मुष्ठिमार, पार्श्व अस्थि प्रयोग, पद प्रहार, योगासन में ताड़ासन, अर्द्ध कटी चक्रासन, वीरभद्रासन, त्रिकोणासन, उत्कटासन के साथ साथ व्यायाम योग, दण्ड योग, सामूहिक समता तथा संचलन का गुणवत्ता प्रदर्शन किया।
संघ की घोष वाहिनी ने शंख आणक, वंशी का प्रयोग कर सुमधुर घोष गुंजित किया। इस अवसर पर सामूहिक गीत, सुभाषित और अमृत वचन का पाठ स्वयंसेवकों ने सामूहिक रूप से किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त एवं मार्शल आर्ट विशेषज्ञ राजकुमार मेनारिया, अंतरराष्ट्रीय राइफल शूटर कार्तिका, महानगर संघचालक गोविंद अग्रवाल एवं मुख्य वक्ता अखिल भारतीय सह शारीरिक शिक्षण प्रमुख जगदीश प्रसाद मंचासीन थे।
मुख्य वक्ता जगदीश प्रसाद ने अपने सम्बोधन में कहा कि एक घंटे संघ की शाखा नियमित चलने से भारत व विश्व की दिशा बदल सकती है, यह आज समझ में आ रहा है। सन् 1925 में संघ की स्थापना के बाद से अब तक निरंतर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राष्ट्रहित में समर्पित है। विश्व के 42 देश में भी संघ कार्य कर रहा है।
उन्होंने कहा कि संघ की स्थापना के बाद संघ के स्वयंसेवकों ने 44 प्रकार के संगठनों जैसे विश्व हिंदू परिषद, भारतीय किसान संघ, क्रीड़ा भारती, विद्या भारती, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, वनवासी कल्याण परिषद, पूर्व सैनिक परिषद, शिक्षा परिषद, विज्ञान भारती आदि संगठनों ने विभिन्न प्रकार के कार्यों को प्रारंभ किया है। संघ के प्रयासों से जो जागरूकता समाज में आई उसी के कारण कश्मीर में धारा 370 हट पाई है, श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्य हो पाया है, मुस्लिम महिलाओं को ट्रिपल तलाक से छुटकारा मिला है, चंद्रयान में सफलता, शिक्षा के जगत में भारत का असली इतिहास सभी लोगों के सामने आया है। नई शिक्षा नीति के माध्यम से देश के बालकों को नई दिशा का मार्ग प्रशस्त हुआ है। इसके अतिरिक्त समाज को जगाने के लिए कई प्रकार के अभियान भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने शुरू किये।
उन्होंने कहा कि सन 1963 में विवेकानंद शिला स्मारक का अभियान संघ के स्वयंसेवकों ने लिया, इसी प्रकार गंगाजल अभियान 1980 में 1988 में रामशिला अभियान के नाम पर स्वयंसेवकों ने घर-घर जाकर सवा रुपया लिया था। अयोध्या से राम ज्योति को लेकर देश के हर गांव के मंदिर में दिया जलाया, स्वदेशी आंदोलन शुरू किया, डंगल प्रस्ताव के विरोध में पूरे देश भर में जन जागरण अभियान शुरू किया सन 2003 में राष्ट्र जागरण अभियान में चार लाख गांव तक संघ के स्वयंसेवक गए। संघ के स्वयंसेवकों के समर्पण का यह परिणाम है कि आज राष्ट्र का सर्व समाज और संघ एक रूप हो गया है। संघ के विचार को समाज अपना विचार मानने लगे गया है। इतना सब होने के बाद भी कई प्रकार की राष्ट्र विरोधी शक्तियां भी सक्रिय होकर एक साथ आ गई हैं। वैचारिक लड़ाई के माध्यम से वे युवाओं को भ्रम में डाल रहे हैं। उन्होंने आह्वान किया कि समाज के लोगों को भी संघ के विभिन्न कार्यों से जुड़कर इस पावन पुनीत कार्य को आगे बढ़ाने में अपना योगदान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष सन 2025 में संघ की स्थापना को 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं। शताब्दी वर्ष में देश के प्रत्येक गांव तक पहुंचाने का लक्ष्य है, इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए सभी कार्यकर्ताओं को तत्पर होना चाहिए।
मुख्य अतिथि राजकुमार मेनारिया ने इस अवसर पर निमंत्रित करने पर आभार ज्ञापित करते हुए कहा कि सफल जीवन के लिए जीवन में संतुलन और अनुशासन होना बहुत जरूरी है, यह दोनों गुण संघ के स्वयंसेवक में देखने को मिलते हैं।
हिंदुस्थान समाचार/सुनीता कौशल/ईश्वर