पहले हुआ निर्माण फिर दी एनओसी, रेलवे के से हुई बड़ी चूक, परिषद पर अनियमितता का आरोप

 


चित्तौड़गढ़, 6 अगस्त (हि.स.)। शहर में नगर परिषद की आेर से कुंभानगर रेलवे फाटक के पास बनाई चौपाटी को लेकर विवाद सामने आया है। यहां पहले निर्माण करने और बाद में रेलवे से एनओसी लेने का आरोप लगा है। साथ ही रेलवे पर भी स्वामित्व नहीं होने के बावजूद नगर परिषद को एनओसी देने का आरोप लगा भाजपा पार्षदों ने कोतवाली थाने में रिपोर्ट दी है। इसमें सरकार को करीब एक करोड़ के राजस्व का नुकसान पहुंचाने का भी आरोप लगाया है। भाजपा पार्षदों ने नगर परिषद सभापति व अधिकारियों पर कार्यवाही की मांग है। इधर, कोतवाली थाना पुलिस ने भाजपा पार्षदों की शिकायत को जांच में रखा है।

जानकारी के अनुसार करीब 95 लाख रुपये की लागत से नगर परिषद के पास में चौपाटी का निर्माण करवाया था। इसका उद्घाटन हुए करीब एक साल होने आया है लेकिन दुकानों का आवंटन नहीं हुआ। इसी मामले में भाजपा पार्षदों ने चित्तौड़गढ़ कोतवाली थाने में रिपोर्ट दी है। इसमें बताया कि 2021 में प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत एम्पाॅवर कमेटी का गठन किया गया था। इसमें नगर परिषद का स्वामित्व नहीं होते हुए भी चौपाटी का नक्शा अनुमोदित कर दिया। वहीं चौपाटी की दुकानों का निर्माण 16 अक्टूबर 2020 को प्रारंभ किया और ठेकेदार को 24 लाख 32 हजार 255 रुपए का भुगतान किया जा चुका है, जबकि नगरीय विकास विभाग के परिपत्र के अनुसार चौपाटी मार्केट के लिए रेलवे की एनओसी नहीं ली गई थी। यह जमीन रेलवे की सीमा से सटी हुई है। बिना एनओसी के किया गया निर्माण पूरी तरह अवैध है। आरोप लगाया कि चौपाटी निर्माण के बाद गलती का नगर परिषद को अहसास हुआ। इस पर नगर परिषद ने 28 नवम्बर 2022 और जनवरी 2023 में पत्र लिखे और रेलवे द्वारा नगर परिषद का टाइटल नहीं होने के बावजूद फरवरी 2023 में एनओसी जारी कर दी। बड़ी बात यह रही कि पहले ली जाने वाली एनओसी चौपाटी के निर्माण के बाद जारी की गई, जो रेलवे के अधिकारी द्वारा की गई अनियमितता के श्रेणी में आता है।

इधर, कोतवाली सीआई संजीव स्वामी ने बताया कि भाजपा पार्षदों ने शिकायत दी है। इस शिकायत को जांच में रखा गया है। वहीं कोतवाली में दी शिकायत पर नगर परिषद के पार्षद छोटूसिंह, हरीश ईनाणी, शिव शर्मा, अविनाश शर्मा, मनोज सुहालका, रामचन्द्र गुर्जर, रामचन्द्र माली आदि के हस्ताक्षर है। पार्षद प्रतिनिधि नीरज सुखवाल, दीपक शर्मा भी कोतवाली थाने में शिकायत के दौरान मौजूद रहे।

इन पर लगाए आरोप

बताया गया है कि निर्माण और उद्घाटन के बाद भी न तो यह चौपाटी शुरु हुई है और न ही इसकी दुकानों का आवंटन हो पाया है। लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद यह चौपाटी अनुपयोगी साबित हो रही है। भाजपा पार्षदों ने सभापति संदीप शर्मा, आयुक्त रविन्द्र सिंह यादव, पूर्व आयुक्त रिंकल गुप्ता, पूर्व अधिशाषी अभियंता प्रशान्त भारद्वाज, सहायक अभियंता मुनीर अली, कनिष्ठ अभियंता नरेन्द्र सिंह, नगर परिषद की एटीपी रीटा मीणा और उत्तर पश्चिम रेलवे के मंडल इंजिनियर महेन्द्र सिंह जाटव के विरूद्ध कार्रवाई की मांग की है। शिकायत में आरोप लगाया कि इन्होंने आपसी मिली भगत कर गलत दस्तावेज तैयार करते हुए रास्ते की भूमि पर अतिक्रमण कर राजकोष को हानि पहुंचाई है। यहां कुंभानगर फाटक के पास अवैध निर्माण किया है, जो गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। उन्होंने बताया कि जिस आराजी 2519 पर यह निर्माण किया गया है। उसकी किस्म आम रास्ता है और इसमें आज तक कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। इस पर नगर परिषद ने व्यवसायिक निर्माण कर लिया। तथ्यों को छिपाते हुए बोर्ड में आधा-अधूरा प्रस्ताव लिया गया, जो विधि विपरित है।

सोने से महंगी साबित हुई गढ़ावन

चौपाटी निर्माण में सोने से ज्यादा गढ़ावन महंगी वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। भाजपा पार्षदों ने आरोप लगाया कि चौपाटी के लिए 36 लाख रुपये के टैंडर निकाले गए। सौन्दर्यीकरण के नाम पर 60 लाख रुपए खर्च किए गए। ऐसे में राजकोष से लगभग एक करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। उन्होंने सभी 8 आरोपिताें के विरूद्ध गलत तथ्य जारी करने और झूठे शपथ पत्र देते हुए रास्ते की जमीन पर गलत निर्माण करने, रेलवे द्वारा गलत तथ्यों के आधार पर एनओसी जारी करने के मामले में एफआईआर दी है।

हिन्दुस्थान समाचार / अखिल / संदीप