राजस्थानी मूल के अधिकारियों का राज्य को निवेश का हब बनाने में अहम योगदान: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा

 


जयपुर, 4 दिसंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान आज विकास की नई ऊंचाइयां छू रहा है और राज्य सरकार की मंशा है कि प्रदेश की इस प्रगति यात्रा में प्रवासी राजस्थानियों की सक्रिय भागीदारी हो। इसी अनुरूप राज्य सरकार आगामी दस दिसम्बर को प्रवासी राजस्थानी दिवस का भव्य आयोजन करने जा रही है। जिसके लिए हर क्षेत्र से भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। शर्मा ने विभिन्न राज्यों में पदस्थापित राजस्थानी मूल के अखिल भारतीय एवं विभिन्न केन्द्रीय सेवा अधिकारियों को आगामी प्रवासी राजस्थानी दिवस में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि राजस्थान को निवेश का हब बनाने में इनकी अहम भूमिका है। इन अधिकारियों के अनुभव, सुझाव और संपर्क राज्य की प्रगति के लिए महत्वपूर्ण हैं।

शर्मा गुरूवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से विभिन्न राज्यों में पदस्थापित राजस्थानी मूल के अखिल भारतीय एवं विभिन्न केन्द्रीय सेवा अधिकारियों के साथ प्रवासी राजस्थानी दिवस के संबंध में आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य है। राज्य में निवेश की अपार संभावनाएं हैं। पर्यटन, ऊर्जा, पानी, बिजली, उद्योग सहित विभिन्न क्षेत्रों में राज्य सरकार निरन्तर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि गत वर्ष राज्य सरकार द्वारा राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट का आयोजन किया गया था। इस समिट में 35 लाख करोड़ रूपये के एमओयू किए गए थे, जिनमें से 7 लाख करोड़ रूपये के विभिन्न कार्यों की ग्राउण्ड ब्रेकिंग की जा चुकी है।

राजस्थान मूल के अधिकारी उद्यमियों को राजस्थान में निवेश के लिए करें प्रोत्साहित

मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न राज्यों में पदस्थापित राजस्थानी मूल के अधिकारियों का अपनी कर्मभूमि के साथ ही जन्मभूमि से भी भावनात्मक जुड़ाव रहता है। इन अधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्रों में विभिन्न नवाचार किए हैं। उन्होंने कहा कि ये अधिकारी राज्य सरकार और प्रवासी राजस्थानियों के बीच एक मजबूत सेतु हैं। उन्होंने इन अधिकारियों से अपील करते हुए कहा कि वे प्रवासी राजस्थानी, उद्यमियों और निवेशकों को राजस्थान में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करें। साथ ही, अधिकारी इस आयोजन में शामिल होकर अपने अमूल्य सुझाव भी दें।

प्रवासी राजस्थानियों ने विश्वपटल पर बनाई अपनी पहचान

शर्मा ने कहा कि प्रवासी राजस्थानियों ने मेहनत और उद्यमशीलता से विश्वपटल पर अपनी पहचान बनाई है। इन्होंने देश-विदेश में राजस्थान का मान-सम्मान बढ़ाया है। हमारी सरकार प्रवासी राजस्थानियों को मातृभूमि से जोड़ने के लिए निरन्तर कार्य कर रही है। इनके हितों और उनसे जुड़े कार्यों को प्राथमिकता देने के लिए एक विशेष प्रवासी राजस्थानी विभाग का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि आगामी प्रवासी राजस्थानी दिवस के वृहत् आयोजन से प्रवासी राजस्थानियों को प्रदेश में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, जिससे राज्य में विकास के नए आयाम स्थापित हो सकें।

राजस्थानी मूल के अधिकारियों को मातृभूमि से जोड़ने की सराहनीय पहल

इस दौरान विभिन्न राज्यों में पदस्थापित अखिल भारतीय एवं विभिन्न केन्द्रीय सेवा अधिकारियों ने मुख्यमंत्री द्वारा की गई इस पहल की सराहना की। अधिकारियों ने कहा कि राजस्थान हमारी जन्मभूमि होने से राज्य से सदैव जुड़ाव रहता है। राजस्थान सरकार द्वारा निवेश को बढ़ावा देने के लिए अभूतपूर्व कार्य किया जा रहा है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस तथा निवेश अनुकूल नीतियों से उद्यमियों के लिए प्रदेश में निवेश के नए द्वार खुले हैं। इस दौरान अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को अपने-अपने राज्यों में निवेश के लिए किए जा रहे नवाचारों की जानकारी देते हुए कई रचनात्मक सुझाव दिए। इसके साथ ही उन्होंने सिंगल विंडो सिस्टम का सुदृढीकरण करने, पर्यटन की ब्राडिंग को और सुदृढ़ करने, सुनियोजित नगरीय विकास, इको टूरिज्म, लॉजिस्टिक्स एवं वेयर हाउसिंग एवं टैक्सटाईल में निवेश को बढ़ावा देने सहित विभिन्न क्षेत्रों में अपने सुझाव दिए।

बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से विभिन्न राज्यों एवं केन्द्र सरकार में पदस्थापित अखिल भारतीय सेवा अधिकारी मनोज जोशी, विवेक भारद्वाज, बाबूलाल मीणा, अंजू शर्मा, ओ पी गुप्ता, तन्मय कुमार, सुनील पालीवाल, नरेश पाल गंगवार सहित विभिन्न अधिकारी एवं विभिन्न केन्द्रीय सेवा अधिकारियों ने अपने सुझाव दिए।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश