झुंझुनू में ओबीसी आयोग से 27 प्रतिशत आरक्षण की रखी मांग

 


झुंझुनू, 29 दिसंबर (हि.स.)। राज्य अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आयोग द्वारा सोमवार को झुंझुनू के सूचना केंद्र सभागार में एक महत्वपूर्ण जनसुनवाई और जन संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जिले के ओबीसी वर्ग के सामाजिक, शैक्षणिक और राजनीतिक हालातों का जायजा लेना और उनके सुधार के लिए जनप्रतिनिधियों व आमजन से सुझाव प्राप्त करना था। कार्यक्रम में ओबीसी आयोग के सदस्य गोपाल कृष्ण शर्मा और पवन मावंडिया मुख्य रूप से उपस्थित रहे। उन्होंने क्षेत्र के विभिन्न संगठनों और व्यक्तियों से मुलाकात कर उनके सुझावों को सुना। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) कैलाश यादव ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की और प्रशासनिक व्यवस्थाओं का समन्वय किया।

माली सैनी समाज संस्था झुंझुनू ने राज्य अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग को ज्ञापन सौंपकर राजस्थान में ओबीसी आरक्षण को 21 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने और इसका वैज्ञानिक वर्गीकरण करने की मांग की है। आरक्षण में वृद्धि केंद्र की तर्ज पर राज्य में भी ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत किया जाए। संस्था के जिलाध्यक्ष महेन्द्र शास्त्री ने बताया कि ओबीसी वर्ग की कुछ सशक्त जातियों के कारण मूल ओबीसी जातियों को उचित लाभ नहीं मिल पा रहा है। सामाजिक न्याय के लिए वर्गीकरण अनिवार्य है। झुंझुनू जिले में 50 प्रतिशत मूल ओबीसी और 12 प्रतिशत माली सैनी समाज की जनसंख्या होने के बावजूद राजनीतिक प्रतिनिधित्व नगण्य है। संस्था के मंत्री रतनलाल सैनी सहित अन्य पदाधिकारियों ने आयोग से आग्रह किया कि मूल ओबीसी जातियों के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए सकारात्मक अभिशंसा की जाए। इस दौरान बाघसिंह तोमर, सुरेन्द्र सैनी और बुधराम सैनी सहित समाज के अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे।

इस अवसर पर ओबीसी समाज के कई प्रमुख लोग और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। इनमें उप प्रधान विपिन नुनिया, राजेश गोदारा, अखिल सेन, मुकेश कुमार और नरेंद्र सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया और अपनी बात रखी।

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हिन्दुस्थान समाचार / रमेश